राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर में “शालाक्य संबोधिनी” सीएमई का शुभारंभ

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जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मानद विश्वविद्यालय) जयपुर के शालाक्य तंत्र विभाग की ओर से सोमवार को “शालाक्य संबोधिनी” विषय पर छह दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम ग्यारह अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र कुलपति वैद्य करतार सिंह धीमान एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने किया । इस अवसर पर संस्थान की कुलसचिव प्रोफेसर अनीता शर्मा, शल्य तंत्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पी हेमंता, शालाक्य तंत्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शमसा फयाज एवं सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, चिकित्सक के साथ देशभर के आयुर्वेद संस्थानों से आए आयुर्वेद विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

इस सीएमई कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। इस छह दिवसीय सीएमई मे देशभर से आए आयुर्वेद महाविद्यालयों के चिकित्सक एवं शिक्षक भाग ले रहे हैं।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम आयुर्वेदिक शिक्षा के स्तर को ऊँचा उठाने और चिकित्सकों के सतत कौशल विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि परंपरागत चिकित्सा ज्ञान को आधुनिक अनुसंधान और तकनीक के साथ जोड़ना ही समय की आवश्यकता है।

शालाक्य तंत्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शमसा फयाज ने बताया कि “शालाक्य संबोधिनी” विषय पर आयोजित इस छह दिवसीय सीएमई का उद्देश्य आंख, कान, नाक और मुख से संबंधित रोगों की आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियों, रोग निदान विधियों तथा आधुनिक दृष्टिकोण के साथ समन्वय पर चर्चा करना है। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को व्याख्यान श्रृंखला, क्लिनिकल प्रदर्शन, शोध प्रस्तुतियाँ, कार्यशालाएँ एवं इंटरएक्टिव सत्रों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

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