जैन मंदिरों में गूंजे भगवान शांतिनाथ के जयकारे

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Lord Shantinath's praises reverberated in Jain temples
Lord Shantinath's praises reverberated in Jain temples

जयपुर। विश्व शांति प्रदायक जैन धर्म के सोलहवें तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ का जन्म, तप और मोक्ष कल्याणक सोमवार को भक्ति भाव से मनाया गया। सुबह शांतिनाथ भगवान का जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक कर विश्व में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हुए मंत्रोच्चार के साथ शांति धारा की गर्ई। अष्ट द्रव्य से पूजा करते हुए जन्म, तप कल्याणक के अघ्र्य अर्पित किए गए। इसके बाद निर्वाणोत्सव मनाया गया। निर्वाण काण्ड भाषा के वाचन के साथ मोक्ष कल्याणक का अघ्र्य देते हुए निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। महाआरती के बाद समापन हुआ।

इस मौके पर कई मंदिरों में मंडल पर संगीतमय 1008 शांति नाथ पूजा विधान किए गए। दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र शांतिनाथ जी की खोह में सुबह निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। आगरा रोड पर श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र चूलगिरी, सांगानेर के दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर संघीजी, तारों की कूंट पर श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सहित कई मंदिरों में विशेष आयोजन हुए। मंगलवार को जैन धर्म के दूसरे तीर्थंकर भगवान अजितनाथ का गर्भ कल्याणक दिवस मनाया जाएगा।

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