
जयपुर। चांदपोल बाजार स्थित श्रीरामचंद्र जी मंदिर में मनाए जा रहे सात दिवसीय श्रीराम-जानकी विवाह मंगल महोत्सव के पांचवे दिन रविवार को श्री राम जानकी विवाह उत्सव में विवाह के मुख्य कार्य क्रम संपन्न हुए। श्री सिया राम जी का भव्य श्रृंगार किया गया । इन्हें सोने का सेवरे के साथ रवाड़ी स्वर्ण आभूषण पहनाए गए। शाम 6 बजे हलकारा भवन जाट के कुए के रास्ते से भजन कीर्तन के साथ रवाना हुई।
शाही लवाजमें के साथ बैंड बाजे,ढोल नगाडे और पचरंगा ध्वजा लिए सबसे आगे गजराज और घोड़े चले। हजारों बाराती दूल्हे सरकार को चंवर ढुला ते अड़ानी पंखे झूलाते हुए बाराती पर इत्र वर्षा, गुलाब जल, बरसाते हुए शामिल हुए। बारात करीबन 8 बजे मंदिर प्रांगण पहुंची, जहाँ जनकपुर वासियों ने बारात का भव्य स्वागत किया। जिन्हे मोतियों के हार पहनाए गए और केसर पिस्ता का दूध पिलाया गया।
उसके बाद मन्दिर परिसर के अंदर बने सरकार रथ पर विराजे उनकी राइ लून की गई । जिसके पश्चात मोतियों की वर्षा और पुष्प वर्षा के बीच रथ रवाना हुआ । मंदिर परिसर में स्थित जनकपुर पहुँच कर ठाकुर जी ने सोने के तलवार से तोरण मारा फिर वरमाला का कार्यक्रम संपन्न हुआ । इसके बाद रात्रि में भावरी उत्सव मनाया गया। मंदिर भक्त समाज के सानिध्य में विवाह की बधाई सुनाई गई।
राजा जनक जी पोल सुंदर सावला बना
बना सा आपकी घोड़ी नाचे जी
सिर सोने को सेवरों बना के
राजा दशरथ जी का लाड़ला
नवल बना श्री राम ठाणे नैना माई राखा जी
आदि गाए गए।



















