गणेशोत्सव में साकार हो रही मराठी संस्कृति

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जयपुर। गणेश चतुर्थी से विभिन्न आवासीय सोसायटियों में विराजमान किए गए गणपति बप्पा का बुधवार को विशेष पूजन किया गया। भक्तों ने उत्साह, उल्लास और उमंग के साथ गणेश के भक्तिभाव से भजन गाए और पूजन किया। बनीपार्क के माधव सिंह सर्किल स्थित माधव विलास में विराजमान गणपति बप्पा की श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से पुष्पांजलि अर्पित की। ओमप्रकाश मालवानी ने बताया कि सोसायटी के सभी लोगों ने शाम को सामूहिक आरती की। आरती से पूर्व गणपति की नजर उतार कर गणेश वंदना की गई।

भक्तों ने ‘गजानन जी मेरे घर में पधारो…’ जैसे भजनों से गणेश जी को रिझाया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से नृत्य किया। उषा मालपानी, रितु, बसंत, चेतन, शरद एवं अन्य ने पुष्पाजंलि की। यहां आयोजन में महाराष्ट्र की मराठा संस्कृति साकार हो रही है। मराठा टोपी से लोगों का स्वागत किया जा रहा है। शनिवार को कृत्रिम तालाब में गणपति बप्पा का जयकारों के साथ विर्सजन किया जाएगा। इससे पूर्व सुबह गायत्री हवन होगा।

ओमप्रकाश मालपानी ने बताया कि गणपति का माधव विलास का राजा के रूप में पूजन किया जा रहा है। पूरी सोसायटी के लोग आरती में पधार रहे हैं। यहां महाराष्ट्र की तर्ज पर गणेशोत्सव मनाया जा रहा है। इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा और दरबार का सामान मुंबई से ही मंगवाया गया है।

बढ़ रहा है मेल मिलाप:

राजधानी में अनेक स्थानों पर गणेश उत्सव का आयोजन हो रहा है। समितियों की ओर से सुबह और शाम नियमित रूप से सामूहिक आरती की जाती है। आरती के दौरान भक्त गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाते हैं। आयोजन से आपसी मेल-जोल और प्रेम की भावना मजबूत हो रही है। कुछ सोसायटियों में भजन-संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हो रहे हैं।

महिला मंडलों की ओर से गणेश प्रतिमा को पंच खाद्य और पारंपरिक प्रसाद का भोग अर्पित किया। वहीं बच्चों ने भक्ति गीत और नृत्य प्रस्तुत करके वातावरण को आनंदमय बना दिया। कई गणमान्य और स्थानीय प्रतिनिधियों ने भी आयोजनों में शिरकत कर श्रद्धालुओं के साथ आरती की और प्रसाद वितरण में भाग लिया। गणेश उत्सव समितियों का कहना है कि इस आयोजन से जहां धार्मिक आस्था प्रकट हो रही है, वहीं आपसी एकता और सामाजिक सद्भाव भी और गहरा हो रहा है।

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