गोविंद देवजी मंदिर में गायत्री महायज्ञ के साथ परिणय अनुयाज कल

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Holi pole planted in Govind Devji temple premises
Holi pole planted in Govind Devji temple premises

जयपुर। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में कल रविवार, 18 मई को मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में सुबह आठ से दस बजे तक “परिणय अनुयाज कार्यक्रम” का आयोजन किया जाएगा। इसमें में ऐसे कई जोड़े परिवार सहित शामिल होंगे जिनका विवाह पिछले दिनों ही संपन्न हुआ है। अब तक तीस जोड़ों ने पंजीयन करवाया है। जिनका विवाह कुछ माह पूर्व हुआ है ऐसे जोड़े इस कार्यक्रम में निशुल्क भाग ले सकते हैं। नव विवाहित जोड़ों को सुखी गृहस्थ जीवन के सूत्र बताए जाएंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन निशुल्क गायत्री महायज्ञ के साथ होगा। यज्ञ से पूर्व विशेषज्ञ वक्ता सुखी दाम्पत्य जीवन पर प्रकाश डालेंगे।

नव विवाहित जोड़ों से सुखी वैवाहिक जीवन के लिए मां गौरी सहित अन्य देवी-देवताओं का पूजन करवाया जाएगा। इसके बाद विशिष्ट आहुतियां प्रदान करवाई जाएंगी। गोविंद देवजी मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि कार्यक्रम पूरी तरह निशुल्क है। किसी भी तरह के सामान लाने की आवश्यक्ता नहीं है। जिन अभिभावकों के बेटी-बेटी का हाल ही में विवाह संपन्न हुआ है उन्हें इस कार्यक्रम में अवश्य शामिल होना चाहिए। यज्ञ की दूसरी पारी नौ बजे होगी। इसमें मंदिर में दर्शन करने आने वाले दर्शनार्थी निशुल्क बैठ सकते हैं। कार्यक्रम गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी की टोली संपन्न कराएगी।

हवन के बाद देहली पूजन: परिणय अनुयाज कार्यक्रम गायत्री महायज्ञ के साथ ठीक आठ बजे प्रारंभ हो जाएगा। पूजा-अर्चना के बाद दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने वाले स्वर्ण सूत्र बताए जाएंगे। इसके बाद गायत्री महायज्ञ में आहुतियां प्रदान की जाएंगी। करीब साढ़े नौ बजे सभी जोड़े ठाकुरजी के दर्शन करेंगे। सभी जोड़े देहली पूजन कर ठाकुरजी का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। सभी जोड़ों को कुछ उपहार भी दिए जाएंगे।

गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओम प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि परिवार एक छोटा सा स्वर्ग है, जिसका निर्माण अपने हाथ में है। परिवार एक ऐसी लीला भूमि है जिसमें पारिवारिक प्रेम सहानुभूति, संवेदना, मधुरता अपना गुप्त विकास करते हैं। यह एक ऐसी साधना भूमि है जिसमें मनुष्य को अपने कर्तव्यों तथा अधिकारों, उत्तरदायित्व एवं आनन्द का ज्ञान होता है। मनुष्य को इस दुनिया में सच्चा सुख अपने परिवार में ही प्राप्त होता है। गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वाले युवाओं को इसका ज्ञान करवाने के लिए यह विशिष्ट आयोजन रखा है।

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