जयपुर। राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की सूचना पर जयपुर के जालूपुरा थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक कोरियर पार्सल जब्त किया है, जिसमें बड़ी संख्या में अवैध मोबाइल सिम कार्ड, एटीएम कार्ड और बैंक पासबुक जैसी संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं। यह पार्सल महाराष्ट्र भेजा जा रहा था और माना जा रहा है कि इसका इस्तेमाल अपराधिक गतिविधियों में किया जाना था।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ) दिनेश एमएन के निर्देशन और उप पुलिस महानिरीक्षक योगेश यादव व सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत ने किया।
एडीजी एमएन ने बताया कि एजीटीएफ से मिली विशेष सूचना के आधार पर जालूपुरा थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। पुलिस को जानकारी मिली थी कि पोलोविक्ट्री स्थित जैन पार्श्वनाथ ट्रेवल्स से एक संदिग्ध पार्सल नागपुर भेजा जा रहा है। जिसमें अवैध सिम और एटीएम कार्ड हो सकते हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने तुरंत ट्रेवल्स पर दबिश दी। ट्रेवल्स कर्मचारी बलवंत सिंह बैढ़ा ने बताया कि पार्सल “विजय सण्डे नागपुर” के नाम से बुक किया गया था और बस खराब होने के कारण अभी वहीं रखा है। भेजने वाले ने इसे मकान की
रजिस्ट्री के कागजात बताया था।
करोड़ों की ठगी का अंदेशा,पुलिस जांच जारी
स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में जब पार्सल खोला गया तो पुलिस टीम हैरान रह गई। पार्सल के अंदर एक कैरी बैग में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की तीन असली सेविंग बैंक पासबुक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के तीन रुपये डेबिट कार्ड और इंडियन ओवरसीज बैंक के छह क्लासिक डेबिट प्रीपेड कार्ड रूपये मिले। इसके अलावा चार मोबाइल सिम के खाली रैपर कार्ड और विभिन्न बैंकों की निर्देशिका पुस्तिका वाले लिफाफे भी जब्त किए गए।
पुलिस को संदेह है कि गरीब और सीधे-सादे लोगों के नाम पर फर्जी बैंक खाते, सिम डेबिट कार्ड जारी कराये गये है। जिनका इस्तेमाल अपराधिक गतिविधियों और साइबर ठगी में किया जा रहा था। यह एक बड़े क्राइम सिंडिकेट का हिस्सा हो सकता है।
इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। पुलिस ने सभी जब्त दस्तावेजों और ट्रेवल्स की मूल बिल्टी को जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है। इस रैकेट के पीछे कौन है और यह कितने बड़े पैमाने पर फैला हुआ है, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस अब इस रैकेट के मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल और मोबाइल नंबरों के आधार पर गहन जांच में जुटी है।
इस सफल कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में इंस्पेक्टर राम सिंह नाथावत के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल हेमंत शर्मा (जिनकी सूचना पर यह कार्रवाई की गई), उपनिरीक्षक प्रताप सिंह, सहायक उप निरीक्षक बनवारी लाल, हेड कांस्टेबल महेश सोमरा, महावीर, देवेंद्र, कांस्टेबल गंगाराम, गोपाल धाबाई, विजय सिंह और जितेंद्र कुमार के साथ थाना जालूपुरा की उपनिरीक्षक माया मीणा और उनकी टीम का भी विशेष योगदान रहा।