जयपुर। राजधानी जयपुर में पुलिस कर्मियों की हकीकत जाने के लिए गुरुवार को जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन कर फेक सूचना देने के लिए कहा कि पूर्व और उत्तर जिला इलाके में दो संदिग्ध कार घूम रही है और उसके हथियारों के साथ बदमाश बैठे हुए हैं। सम्भवत बदमाश शहर में बड़ी वारदात कर सकते हैं। पुलिस कंट्रोल रूम से सभी थानाधिकारी जाब्ते सहित नाकेबंदी के लिए कहा गया और साथ ही पुलिस उपायुक्त राउंड पर रहे। कंट्रोल रूम की सूचना पर से मिलने पर दोनों जिलों के पुलिस उपायुक्त पहुंच कर जिले में नाकाबंदी शुरू की। इसके बाद जब जयपुर पुलिस कमिश्नर और अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर ने इन नाकेबंदी की जांच की तो अलग-अलग कई खामियां पाई गई।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज ने बताया कि शहर में नाकेबंदी पर होने वाले एक्शन को लेकर डिकॉय ऑपरेशन कराया गया। इस दौरान 12 से अधिक पॉइंटों पर जाकर नाकाबंदी देखी। अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप ने भी 15 से अधिक पॉइंटों पर नाकेबंदी देखी। इस दौरान कई जगहों पर खामियां मिली। मौके पर जो ठीक हो सकता था। इस बारे में जाब्ते को जानकारी दे दी। मुख्य रूप से पुलिसकर्मी नाकाबंदी की सूचना के बाद फील्ड में तो आए। उन्हें पता नहीं था कि कौन सी कार को रोकना है। कुछ थानाधिकारी तो अपनी पिस्टल लेकर ही नहीं पहुंचे। कई जगहों पर अलग-अलग परेशानी थी। जैसे किसी ने बैरिकेड सही नहीं लगाए। कार की नाकेबंदी होने के बाद भी अन्य वाहनों को रोका जा रहा था। ऐसी कई कमियां मौके पर मिली। जिन पर काम करना बाकी हैं।
जयपुर कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने पहली बार इस तरह का डिकॉय कराया है। इसमें शहर में नाकाबंदी, पुलिस का क्विक रिस्पांस, नाकेबंदी में तैनाती और एक्शन चेक किया गया। हालांकि कई जगहों पर डिकॉय के दौरान कमियां मिली। जयपुर कमिश्नर ने कहा- पहली बार नाकेबंदी को चेक किया गया सभी को निर्देश दिये जाएंगे की कैसे नाकाबंदी के दौरान पुलिस की मौजूदगी होनी चाहिए। हथियारों के साथ बदमाश अगर शहर में है तो पुलिस का लाइन ऑफ एक्शन क्या होना चाहिए।