जयपुर। राजस्थान पुलिस ने अपने कर्मचारियों के लिए आकस्मिक अवकाश (कैजुअल लीव) स्वीकृत करने की प्रक्रिया को डिजिटल और अधिक पारदर्शी बनाने की दृष्टि से सभी राजपत्रित और अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को अपने आकस्मिक अवकाश के लिए ‘राज-काज लीव एप्लिकेशन’ के माध्यम से ही आवेदन करना होगा और उसे स्वीकृत कराना होगा।
यह आदेश शुक्रवार को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन,कानून एवं व्यवस्था विशाल बंसल द्वारा जारी किया गया है, जिसे महानिदेशक पुलिस राजस्थान से भी अनुमोदन प्राप्त है। इस आदेश को पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों, आयुक्तालयों, जिला पुलिस अधीक्षकों, पुलिस दूरसंचार विभाग, आरएसी बटालियनों और पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों सहित सभी संबंधित पुलिस इकाइयों को भेजा गया है
बंसल ने बताया कि यह जानकारी सामने आई थी कि विभिन्न पुलिस कार्यालयों, विशेषकर थानों, पुलिस लाइन्स, आर.ए.सी. बटालियनों और प्रशिक्षण संस्थानों में, अराजपत्रित पुलिस कर्मियों के आकस्मिक अवकाश अभी भी व्यक्तिगत प्रार्थना पत्रों के माध्यम से स्वीकृत किए जा रहे थे। इस पुरानी प्रणाली को अनुचित माना गया, क्योंकि इससे कई व्यवहारिक और प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं।
रिकॉर्ड रखने में समस्या : व्यक्तिगत आवेदनों के कारण कर्मचारियों के अवकाश का सही और अद्यतन विवरण बनाए रखना मुश्किल हो रहा था। भेदभाव की आशंका : यह आशंका रहती थी कि वरिष्ठ अधिकारी अवकाश स्वीकृति में भेदभाव कर सकते हैं, जैसे कि पहले प्राप्त आवेदनों को अस्वीकार कर बाद में प्राप्त आवेदनों को स्वीकार करना। यह स्थिति अक्सर कर्मचारियों के बीच असंतोष पैदा करती थी।
मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव : इस तरह की अनियमितताएं और पारदर्शिता की कमी सीधे तौर पर पुलिस कर्मियों के मनोबल को प्रभावित कर सकती थीं, जिससे उनके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता था।
‘राज-काज लीव एप्लीकेशन’ की नई और बेहतर सुविधाएँ
बंसल ने बताया कि कुछ जगह ‘राज-काज लीव एप्लिकेशन’ का उपयोग इसलिए नहीं किया जा रहा था क्योंकि इसमें अवकाश को कम करने, या राजपत्रित अवकाश देने या न देने जैसे कुछ विकल्प उपलब्ध नहीं थे। हालांकि अब इन सभी तकनीकी समस्याओं का समाधान कर लिया गया है। ऐप्लिकेशन में ये सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जिससे यह अवकाश प्रबंधन के लिए एक पूर्ण और प्रभावी उपकरण बन गया है।
एडीजी ने बताया कि भविष्य में सभी अधीनस्थ अराजपत्रित पुलिस कर्मचारियों के आकस्मिक अवकाश ‘राज-काज लीव एप्लिकेशन’ के माध्यम से ही स्वीकृत किए जाएंगे। यह कदम अवकाश प्रबंधन को अधिक पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष बनाएगा, जिससे पुलिस कर्मियों के बीच विश्वास बढ़ेगा और उनके मनोबल को बनाए रखने में मदद मिलेगी। यह राजस्थान पुलिस के डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।