जयपुर। चांदपोल बाजार में स्थित श्रीराम चंद्र मंदिर में शनिवार को राम जानकी विवाह महोत्सव में श्री राम चंद्र जी सजधज कर तोरण लगाने पहुंचे । श्री राम चंद जी का अद्भुत श्रृंगार मानों जैसे उन पर चार चांद लग हुए हो। कंधे पर धनुष बाण ,कमर पर तलवार कसे ,एक हाथ में तोरण ,रत्न आभूषण जडित पोशाक ,सोने -चांदी के जेवर पहने हुए थे। श्रीराम चंद्र जब जनकपुर में अपनी बारात लेकर निकले तो उनकी शोभा देखकर देखकर स्वर्ग से देवता भी पृथ्वी पर आ गए। दूल्हा सरकार के आगे हीरे मोती ,पुष्प आदि बरसाते हुए नगर वासी उनको मण्डप तक लेकर आए।
मण्डल में पहुंचते ही भगवान श्रीराम ने जैसे ही तोरण मारा वैसे ही ढ़ोल शहनाई बजने लगे। मंदिर प्रांगण में जनकपुर जैसा माहौल हो गया। सभी श्रद्धालु जय श्रीराम के जयकारे लगाने लगे साथ ही मंदिर परिसर में भक्तों ने कई पदों का गायन किया। शाम 5 बजे नेकचार का कार्यक्रम शुरू हुआ। जिसमें परिधन,धान कुटाई ,कन्या निरीक्षण ,भावरी आदि कार्यक्रम संपन्न हुए। तोरण के समय मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में भक्त मौजूद थे। जिसके पश्चात वरमाला के बाद महाराज दशरथ जी ने मोती वर्षा करवाई।
मंदिर के महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि शनिवार को मंदिर परिसर में ही शाम साढ़े चार बजे जनकपुर में नेगचार के बाद कंवर कलेवा ,डोम प्रसंग कार्यक्रम संपन्न् हुए । जो राम जानकी विवाह में मुख्य आकर्षण के केंद्र बने।
श्री राम चंद्र जी की बारात निकासी
श्री राम जानकी विवाह मे श्री ठाकुर जी की बारात सज धज कर जाट के कुएं में स्थित हलकारा भवन से मंदिर प्रांगण पहुंची ।जिसमें सबसे आगे पचरंगा पताका लिए हाथी चलता हुआ और पीछे घोडे ,ऊंट बैंड बाजा ,लवाजमा अडानी पंखे चवर थे। छत्र लिए हुए सेवक एवं अनगिनत बाराती शामिल थे। आतिशबाजी के साथ बारात 7 बजे मंदिर प्रांगण में पहुंची । वहां पर बारात का भव्य स्वागत किया गया।
मंदिर के महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि “सलोना बन्ना राजकुँवर वारी जाऊं”
“राजा जनक जी री पोल सुन्दर साँवरा बन्ना””दो गोरा दो साँवला दो रुप राघव “
ओ राज थाकाँ पग पग नेवर बजेबना सा थाकी घोड़ी नाचे जी आदि पदों का गायन किया गया ।