जयपुर। गुलाबी नगरी जयपुर की प्रकृति की गोद में स्थित अति प्राचीन व चमत्कारिक खोले वाले हनुमान मंदिर में हनुमंत धाम व श्री नरवर आश्रम के संस्थापक अनंत श्री विभूषित ब्रह्मलीन परम पूज्य श्री राधेलाल चौबे जी महाराज के आशीर्वाद से बूज के शर्मा परिवार की मेजबानी में पूज्य संत श्री मुरलीधर जी महाराज के मुखारविंद से आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा का आज विशाल मंगल कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ।
मंगलाचरण के बाद पूज्य महाराज जी ने श्री राम कथा के माहत्म्य व वर्तमान समय में राम कथा की महत्ता व राम नाम की महत्वाकांक्षा के विषय में प्रवचन दिए। उसके पश्चात संत श्री मुरलीधर जी महाराज ने कथा को क्रम में लेते हुए महाराज श्री ने प्रथम गुरु वंदना की, उन्होंने सत्संग के प्रभाव को समझाते हुए रामचरितमानस के महत्व को सभी श्रोताओं के समक्ष रखा उन्होंने कहा कि “बीनू सत्संग विवेक न होई ,राम कृपा बीनू सुलभ न सोई” इसी के साथ सत्संग क महत्व को प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान शंकर रामचरितमानस में उमा से कहते हैं “कहूं उमा मैं अनुभव अपना, सत हरि नाम जगत सब सपना'” की चौपाई के माध्यम से उन्होंने बताया कि सारा जगत मिथ्या है झूठ है और केवल हरि का नाम सत्य है।
उन्होंने चार घाट पर आरंभ हुई कथा कर्म ज्ञान भक्ति और शक्ति को विस्तार से श्रोताओं के समक्ष रखा और उन्होंने कहा कि पहले कर्म करेंगे तो ज्ञान प्राप्त होगा ज्ञान से भक्ति और भक्ति से शरणागति की प्राप्ति होती है !