जयपुर। आदर्श नगर श्री राम मंदिर स्थित रामलीला रंगमंच पर मंथरा कैकई संवाद,दशरथ कैकई संवाद,कौशल्या श्री राम संवाद और श्री राम गमन की लीला का मंचन सुरभि कला केंद्र के कलाकारों ने किया।
लीला के अंर्तगत अवधपुरी में भगवान श्री राम के राजतिलक की तैयारी हो रही थी। नगर में बाजे बज रहे थे, स्त्री पुरुष सभी आनंदित थे, देवताओं ने यह सब देख मां सरस्वती जी से विनती की कि कैसे भी हो, श्री रामचंद्र जी राज्य त्याग कर वन को चले जाएं और राक्षसों का नाश करें ।
सरस्वती जी ने मंदबुद्धि मंथरा की मति फेर दी। मंथरा ने भरत जी की माता कैकई से कहा तुम्हारा पुत्र परदेश में है और तुम उसके लिए कुछ नहीं सोचती। कैकई ने कहा कौशल्या सम सब महतारी। रामहि सहज सुभायं पिआरी। मो पर करहिं सनेहु बिसेषी। मैं करि प्रीति परीछा देखी ।
अर्थात राम को सहज रूप से सब माताएं कौशल्या समान ही प्यारी हैं मुझे तो वह विशेष स्नेह रखते हैं मैंने कई बार परीक्षा करके देख लिया। मंथरा ने रानी के मस्तिष्क में भर दिया कि श्री राम के राजतिलक से तुम्हें हानि होगी ।रानी कैकई कोप भवन में चलीं गईं।राजा दशरथ उन्हें मनाने आए ।राजा के बार-बार कहने पर कि कैकई ने उनसे दो वरदान मांग लिए, पहला भरत को राजतिलक, दूसरा राम को चौदह वर्ष का वनवास ।
राजा दशरथ के बार-बार समझाने पर भी कैकई नहीं मानी, राजा व्याकुल हो गए उनका शरीर शिथिल पड़ गया। भगवान राम ने पिता की आज्ञा मान सहर्ष वन में जाना स्वीकार किया। श्री राम सभी माताओं को प्रणाम कर विदा लेने लगे साथ में सीता जी और लक्ष्मण जी भी हठ करके वन में गए ।इस दृश्य को देख श्रद्धालु दर्शक द्रवित हो गए।कई महिलाओं के तो अश्रु बह चले ।
श्रीराम मंदिर प्रन्यास के अनिल खुराना,लक्ष्मण मलिक ,राजीव मनचंदा,रवि सचदेव ,संजय आहूजा ने भगवान की आरती की। रामलीला संयोजक केशव बेदी ने बताया कि मंगलवार को श्री राम केवट संवाद ,दशरथ मरण और भरत मिलाप की लीला का मंचन होगा।