जयपुर। विश्व रक्तदाता दिवस पर राजस्थान हॉस्पिटल में शनिवार को रक्तदान जागरुकता पोस्टर का विमोचन किया गया। पोस्टर विमोचन के दौरान ही करीब 10 हजार से अधिक युवाओं ने वर्ष में एक बार रक्तदान करने के लिए संकल्प पत्र भरा। इन शपथ कर्ताओं को किसी भी आपात स्थित में जरुरत पड़ने पर एक कॉल कर बुलाया जा सकेगा। इस अवसर पर स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक में करीब 150 से अधिक यूनिट रक्तदान किया गया।
इस आयोजन में स्वास्थ्य कल्याण ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एस एस अग्रवाल, राजस्थान हॉस्पिटल के वाइस चेयरमैन डॉ. सर्वेश अग्रवाल, चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश माथुर, मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ. अरविन्द गुप्ता, कंसल्टेंट सर्जन डॉ. शरद डागा, ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. पंकज सिंह, फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. अरुण शर्मा, रक्तदान परिसंघ के पूर्व अध्यक्ष रामावतार तोषनीवाल, स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक के निदेशक आनन्द अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहें।
रक्त समूह प्रणाली की खोज की गई थी 14 को
गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार विजेता कार्ल लैंडस्टीनर, जिन्होंने रक्त समूह प्रणाली की खोज की थी। इसलिए 14 जून को जन्मदिन के रुप में हर वर्ष ये दिवस मनाया जाता है। यह दिन रक्तदाताओं के अमूल्य योगदान को सम्मानित करने और सुरक्षित रक्त दान की आवश्यकता के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय रक्त आधान सोसायटी ने इसकी शुरुआत 2004 में की थी।
डॉ. एस एस अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि विश्व रक्तदाता दिवस का मुख्य उद्देश्य रक्त दान के प्रति जागरूकता, उन लोगों को धन्यवाद देना जो बिना किसी स्वार्थ के रक्त दान करते हैं, रक्त की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाने और अस्पतालों और रक्त बैंकों में आपात स्थति के लिए पर्याप्त रक्त भंडार सुनिश्चित करना है। यही कारण है कि देश और प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं और ब्लड बैंक स्वेच्छिक रक्तदान के लिए सतत रूप से जागरूकता अभियान और रक्तदान शिविर आदि का आयोजन करती रहती हैं I
स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक के प्रबंध न्यासी डॉ. एस एस अग्रवाल ने स्वैच्छिक रक्तदान से जन जाग्रति लाने का आव्हान करते हुए हर व्यक्ति को साल में एक बार अवश्य रक्तदान करना चाहिए।
डॉ. एस एस अग्रवाल का कहा कि हर वह व्यक्ति रक्तदान कर सकता है जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष हो, जिसका न्यूनतम वजन 45 किलोग्राम हो, कोई गंभीर बीमारी नहीं हो, दो रक्त दान के बीच कम से कम 3 महीने का अंतर हो। उन्होंने कहा कि रक्तदान से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती और मानव शरीर इस दान किये रक्त की आपूर्ति कुछ ही दिन में कर लेता है।
यही नहीं रक्तदान करने के अनेक फायदे भी होते हैं जैसे, रक्त दान करने से दाता का स्वास्थ्य बेहतर होता है, रक्तचाप नियंत्रित रहता है, हार्टअटैक का खतरा कम रहता है, आयरन स्तर संतुलन बना रहता है आदि। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति द्वारा दान की गई रक्त की एक यूनिट, तीन लोगों की जान बचा सकती है।