मुंबई। रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (एडब्लूडब्लूए) ने नई दिल्ली और दूसरे शहरों में आशा स्कूलों को आधुनिक बनाकर एवं उनका संपूर्ण विकास करके दिव्यांग बच्चों की भलाई के लिये अपनी लंबे समय की प्रतिबद्धता की घोषणा की है। देश में एडब्लूडब्लूए द्वारा 32 आशा स्कूल चलाये जाते हैं, जो दिव्यांग बच्चों की क्षमता को निखारने का काम करते हैं।
आशा स्कूल भारत के विभिन्न शहरों में लगभग 1200 बच्चों का पोषण कर रहे हैं, जिनमें 500 बच्चे सेवारत और पुराने सैनिकों के बच्चे हैं और 500 बच्चे असैनिक पृष्ठभूमि से हैं। इसके अलावा, रेलिगेयर ने घोषणा की है कि कंपनी आगरा, हिसार, मथुरा, जालंधर और गुवाहाटी में 5 अतिरिक्त स्कूलों का समर्थन करेगी।
दिसंबर 2022 और अप्रैल 2023 में आरईएल और एडब्लूडब्लूए के बीच शुरू हुए एक महत्वपूर्ण सहयोग के माध्यम से आरईएल द्वारा नई दिल्ली, पुणे, बेंगलुरु, लखनऊ, सिकंदराबाद और उधमपुर के आशा स्कूलों को आधुनिक और बेहतर बनाने के लिये एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये थे। आरईएल ने दिल्ली के आशा स्कूल को नया रंगरूप देने के लिये एक वर्ष से भी कम समय में इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का उल्लेखनीय काम किया। दूसरे शहरों में भी स्कूलों को अपग्रेड करने के कार्य में जमीनी स्तर पर अच्छी प्रगति हुई है।
यह घोषणा पहले फेज़ के सफल समापन के बाद हुई है, जिसमें आशा स्कूल, दिल्ली का आधुनिकीकरण हुआ था। दिल्ली में लागू मॉड्यूल-बेस्ड तरीके को दोहराते हुए, आरईएल पाठ्यक्रम का विकास करने, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य स्कूलों में भी शिक्षकों की क्षमता को बढ़ाने जैसे विभिन्न हस्तक्षेप के जरिये अपना पूरा सहयोग प्रदान करती है। रेलिगेयर परिवहन सुविधाओं, व्यावसायिक मार्गदर्शन और नियुक्ति तथा इंटर्नशिप संबंधी सहायता का प्रावधान करने के अलावा स्टूडेंट्स की चिकित्सीय और पोषण संबंधी ज़रूरतों के साथ इन स्कूलों की मदद करना भी चाहती है ।
रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड की एक्जीक्यूटिव चेयरपर्सन, डॉ. रश्मि सलूजा ने कहा, “हमें आशा स्कूलों के विकास में सहयोग देकर खुशी होरही है। रेलिगेयर में हम अपने परिचालन क्षेत्रों के समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव लाने में यकीन रखते हैं और इस पहल को आशा स्कूलों के प्रयास में योगदान देने का एक मौका मान रहे हैं, ताकि दिव्यांग बच्चे सशक्त हो सकें। यह स्कूल बच्चों को प्रशंसनीय तरीके से शिक्षा एवं बढ़ावा देते हैं और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने में उनकी सहायता करते हैं। इन बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य में सहयोग देकर हम उनके और अपने समाज के बेहतर भविष्य की आशा करते हैं। अगले वर्ष तक सभी आशा स्कूलों के साथ साझेदारी करने का हमारा लक्ष्य है। “”