जयपुर। मुहाना स्थित श्री सिद्ध पीठ धाम में पाटोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित महाआरती एवं ब्रह्मलीन अशोक महाराज की मूर्ति अनावरण के अवसर पर संत कमलेश जी ने कहा कि “संस्कारों का प्रतीक है एक वृक्ष, जिसका स्वयं के लिए कोई चाहत नहीं होती है, सब दूसरों के लिए होता है, छाव भी फल भी। इसी प्रकार अच्छे संस्कार भी समाज को लाभान्वित करते हैं। एक वृक्ष सुखा समाज में संस्कार का पतन होना तय है।”
इस आयोजन में पशुपतिनाथ का अभिषेक किया गया और फूल बंगला झांकी सजाई गई। संत कमलेश शर्मा ने बताया कि ब्रह्मलीन अशोक महाराज की प्रेरणा और आशीर्वाद से पाटोत्सव में समाधिस्थ बाबा स्त्रामदास महाराज की समाधि स्थल को सुगंधित फूलों से सजाकर लड्डुओं का भोग लगाया गया। ग्रामवासियों और श्रद्धालुओं ने समाधि स्थल की पूजा-अर्चना कर आरती की।
प्रवक्ता मोहित शर्मा ने बताया कि सिद्ध पीठ धाम में अशोक महाराज की मूर्ति का अनावरण हुआ। अनावरण के पश्चात मंदिर में भगवान पशुपतिनाथ का विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ सहस्त्रगढ़ हुआ। जिसमें भगवान को विभिन्न तीर्थों के जल और फलों के रस से पंचामृत से अभिषेक किया गया। अभिषेक के पश्चात भगवान को नूतन पोशाक धारण कराई गई।
फूल बंगला झांकी सजाकर ठंडी तासीर वाले व्यंजनों का भोग लगाया गया। संत महंतों और श्रद्धालुओं ने पशुपतिनाथ की महाआरती की। मंदिर प्रांगण में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के पाठ संपन्न हुए। हनुमान जी महाराज को लड्डू और फलों का विशेष भोग लगाया गया। भंडारा प्रसादी में आसपास के गांवों से हजारों की तादाद में भक्तों ने भगवान की प्रसादी ग्रहण की।




















