जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) के सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने पेट दर्द से परेशान 45 वर्षीय महिला के सर्जरी कर राहत दी है। डॉक्टरों के द्वारा रोबोटिक सर्जरी से बारीकी से तिल्ली निकालकर पैनक्रियाज को पूर्ण रूप से सुरक्षित रखा गया। ऐसे में डॉक्टरों का दावा है कि इस तरह का ऑपरेशन रोबोटिक के जरिए राजस्थान के सरकारी अस्पताल में पहला है। एसएमएस अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. जीवन कांकरिया ने बताया कि पिछले पांच साल से परेशान महिला के पेट दर्द की परेशानी को लेकर ओपीडी कक्ष में आने के बाद मरीज का इंवेस्टीकेशन करवाया गया।
जाँच में पाया गया कि खून का थक्का भोजन नली की सभी नसों में चला गया जिससे की भोजन नली ने काम करना बंद कर दिया और भोजनोपरान्त उसे पेट में दर्द होने लगा साथ ही तिल्ली की खून की सप्लाई पूर्ण रूप से बंद हो गई और तिल्ली ने पूर्ण रूप से अपना काम करना बंद कर दिया और उसमें मवाद होना पाया गया। उसके पैनक्रियाज में लगातार इंफेक्शन के कारण भोजन नली की सभी नर्सों के साथ तिल्ली की खून की सप्लाई भी बंद होने से तिल्ली में मवाद पड़ गई और उसे लगातार दर्द रहने लगा और तिल्ली की साइज़ पहले से भी दोगुनी हो गई यह सब देखते हुए मरीज़ का रोबोर्टिक के जरिए ऑपरेशन किया गया। इस ऑपरेशन में एनेस्थीसिया टीम डॉक्टर सुनील चौहान एवं डॉक्टर कंचन चौहान तथा नर्सिंग स्टाफ़ सुनील एवं दीपा का सहयोग रहा।
ना खून चड़ा ना चिरफाड़ हुई और कर दिया ऑपरेशन
डॉक्टरों के द्वारा करीब तीन घंटे तक महिला का ऑपरेशन किया गया। इस दौरान डॉक्टरों ने मरीज को खून की कमी तक नहीं होने दी और बिना खून चढ़ाये ही मरीज का सफल ऑपरेशन कर इतिहास रच दिया अमूमन ऐसे ऑपरेशन में मरीज को एक से दो यूनिट खून की आवश्यक पड़ती है। लेकिन इस ऑपरेशन में मरीज को खून की आवश्यक नहीं हुई। साथ ही क़रीब 20 सेंटीमीटर बड़ी तिल्ली को मात्र 1 सेंटीमीटर के चीरे से मोरसिलेटर मशीन की मदद से बाहर निकाला गया और क़रीब छह घंटे बाद ही मरीज़ को खाना पीना एवं घूमना शुरू कर दिया ऑपरेशन के अगले दिन से ही मरीज़ को ददे से छुटकारा मिल गया और अब मरीज़ पूर्ण रूप से स्वस्थ है और उसे खून पतला होने की दवाइयाँ शुरू कर दी गई है जिससे कि बाक़ी खून की नसों में जमा हुआ खून का थक्का भी निकल जाएं और वह पहले की तरह सामान्य जीवन जी सके।
दर्द से परेशान महिला के 20 दिन में 10 किलो कम हुआ वजन
दर्द से परेशांन महिला के कोई भी तरल पदार्थ लेने से भी पेट में दर्द रहने लगा और दिन प्रतिदिन वजन गिरने लगा। साथ ही उल्टी एवं साँस लेने में भी दिक़्क़त होने लगी। पिछले 20 दिनों में क़रीब 8-10 किलो वजन एक दम से कम होने के कारण मरीज के चिंता होने लगी जिससे अस्पताल में दिखाने को लेकर मरीज का रोबोटिक के जरिए ऑपरेशन करने का निर्णय डॉक्टरों ने दिया