जयपुर। राजधानी जयपुर में सावन के उल्लास और पारंपरिक संस्कृति को समर्पित “सावन उत्सव” का भव्य आयोजन हीरा वैली रिसोर्ट, स्वेज फार्म, सोडाला में किया गया। आयोजन की थीम रही – राजस्थान का पारंपरिक लहरिया, जिसके अनुरूप सजी-संवरी महिलाओं ने रंग-बिरंगे परिधानों में भाग लिया और लोक-संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया।
नृत्यम फाउंडेशन की अध्यक्ष और कार्यक्रम आयोजिका काजल सैनी ने बताया कि इस उत्सव का उद्देश्य महिलाओं को सांस्कृतिक मंच प्रदान करना और लोक परंपराओं को जीवित रखना है। इस अवसर पर ‘मारो लहरियो रे’, ‘सावन आए’ और अन्य पारंपरिक राजस्थानी गीतों पर महिलाओं ने मनमोहक लोक नृत्य प्रस्तुत किए। ।”
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक राजस्थानी स्वागत गीत से हुई, जिसके बाद एक से बढ़कर एक लोक नृत्य प्रस्तुतियाँ हुईं। इसके बाद घूमर, चरी और कालबेलिया जैसे लोकनृत्य से सजे कार्यक्रम में संगीत, नृत्य और रंगों का समावेश दर्शकों को मंत्रमुग्ध करता रहा। सावन की फुहारों को दर्शाता यह आयोजन पूरे माहौल को लोक-संस्कृति के रंग में रंग गया।

सभी प्रतिभागियों ने एक जैसे लहरिया परिधान पहनकर समूह नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने राजस्थान की पारंपरिक एकता और सौंदर्य को दर्शाया। पारंपरिक गीतों की मधुरता और नृत्य की लयबद्धता ने कार्यक्रम को अविस्मरणीय बना दिया।
प्रतियोगिताएं और पुरस्कार वितरण
इस उत्सव की विशेष बात रही विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं हुई। जिनमें महिलाओं ने पूरे जोश और उमंग से भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को मंच पर बुलाकर प्रशस्ति पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया गया।
आयोजित प्रमुख प्रतियोगिताएं और विजेता इस प्रकार रहे
बेस्ट सावन क्वीन: पायल सैनी
बेस्ट ड्रेस: सुनीता सैनी
बेस्ट डांस: पूर्वी सैनी और राजश्री सैनी
फैशन शो विजेता: संगीता सैनी और हर्षिता सैनी
इन विजेताओं ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों और निर्णायकों को अत्यंत प्रभावित किया। सभी ने एक साथ मिलकर सावन के रंगों में संस्कृति और सौंदर्य का सुंदर संगम प्रस्तुत किया।
सावन उत्सव ने न केवल महिलाओं को अपनी सांस्कृतिक प्रतिभा दिखाने का मंच दिया, बल्कि सभी उपस्थित जनों के लिए एक स्मरणीय अनुभव बन गया। यह आयोजन पारंपरिकता और आधुनिकता के सुंदर संगम का प्रतीक रहा, जिसने जयपुरवासियों के दिलों में सावन की ताजगी भर दी।