ईआरसीपी से पूर्वी राजस्थान में बहेगी औद्योगिक विकास की गंगा: फोर्टी कार्यालय में ईआरसीपी के विभिन्न पहलुओं पर सेमिनार का आयोजन

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Seminar organized on various aspects of ERCP at Forti office
Seminar organized on various aspects of ERCP at Forti office

जयपुर। फोर्टी कार्यालय में  “ईआरसीपी से  पूर्वी राजस्थान में  बहेगी विकास की गंगा”  विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें फोर्टी संरक्षक सुरजाराम मील, आईसी अग्रवाल, अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष चानणमल अग्रवाल, मुख्‍य सचिव गिरधारी खंडेलवाल, यूथ विंग अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, वुमन विंग उपाध्‍यक्ष नीलम मित्तल, शामिल हुए। इसमें ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी ) से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में कृषि के साथ उद्योग और व्यापार पर पड़ने वाले सकारात्मक असर पर मंथन किया गया।

इस प्रोजेक्ट का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि प्रदेश में बीजेपी सरकार आते ही सबसे पहले मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा ने केंद्र  और मध्य प्रदेश  सरकार के साथ मिलकर पार्वती- कालीसिंध- चंबल लिंक परियोजना के लिए एमओयू साइन किया। इस प्रोजेक्ट के तहत इन तीन नदियों को जोड़कर पूर्वी राजस्थान में पानी की निर्बाध आपूर्ति की जाएगी।  इससे रामगढ़, महलपुर, नवनेरा, मेज, राठौड़ इन  5 बैराज और डूंगरी, रामगढ़ और ईसरदा इन 3 बांधों को  पानी मिलेगा। राजस्थान के करीब सवा लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को पानी की आपूर्ति होगी।

सरकार इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर रही है, जिसमें परियोजना में दोनों राज्यों के कार्यक्षेत्र, पानी बंटवारा, प्रोजेक्ट लागत, परिलाभ बंटवारा, जल प्रबंधन, नियंत्रण, कार्यान्वयन और व्यवस्था से संबंधित सभी पहलुओं के लिए प्रावधान तैयार किए जा रहे हैं।   फोर्टी संरक्षक सुरजाराम मील ने कहा कि पूर्वी राजस्थान प्रदेश का घनी आबादी वाला क्षेत्र है। यहां विकास की  संभावनाएं काफी है, लेकिन पानी की किल्लत के कारण विकास की संभावनाएं धरातल पर नहीं आ सकीं, लेकिन अब ये संभव हो पाएगा।  आईसी अग्रवाल ने कहा कि पूर्वी  राजस्थान औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा क्षेत्र है, यहां  कोटा के अलावा कहीं औद्योगिक विकास नहीं हुआ है। ईआरसीपी से पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक निवेश भी आकर्षित होगा। फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि ईआरसीपी के एमओयू में साफ लिखा है कि पार्वती- कालीसिंध- चंबल लिंक परियोजना से कृषि के साथ उद्योगों को भी पानी उपलब्‍ध कराया जाएगा। पानी उपलब्‍ध होने से पूर्वी राजस्थान मे फूड प्रोसेसिंग इंडस्‍ट्री के विकास की अपार संभावना है। इस क्षेत्र में संतरा, अमरूद, पपीता का उत्पादन होता है।

इनसे यहां प्रोसेसिंग यूनिट से इन फलों के जूस, पल्‍प और अन्‍य उत्‍पाद बनाकर देशभर में सप्लाई  और विदेश में निर्यात किया जा सकता है।  पर्याप्त सिंचाई की सुविधा होने से  व्यावसायिक फसलों का उत्पादन  भी बढ़ेगा ।  इसमें सौंफ, जीरा, चावल, मिर्च, पान जैसी आर्थिक फसलें शामिल हैं। इससे इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और सरकार को राजस्‍व भी मिलेगा।


ईआरसीपी से पूर्वी राजस्थान में औद्योगिक विकास की नई संभावनाएं पैदा होंगी।   अनुमान है कि ईआरसीपी से इस क्षेत्र में पानी की उपलब्‍धता से 1 लाख नए रोजगार और 10 हजार करोड़ का  नया औद्योगिक निवेश होने की संभावना है। 

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