जयपुर। विद्याधर नगर स्टेडियम में 1 मई से प्रारंभ हुई सात दिवसीय शिव महापुराण को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है और यहीं उत्साह कहीं किसी दुर्घटना का कारण नहीं बन जाए। एयरकंडीशन पांडालों में बढ़ती श्रद्धालुओं की भीड़ ने लोगों को निर्माणाधीन बिल्डिंग पर चढ़कर कथा सुनने के लिए मजबूर कर दिया। निर्माणधीन बिल्डिंग में सामने की तरफ ना दीवार ना ही रैलिग लगी छत पर श्रद्धालु तेज धूंप में बैठे नजर आए।
वहीं धूंप में अपने परिजनों के साथ कथा स्थल पहुंचे छोटे-छोटे बच्चे भी छोटे से छाते छाया में कथा सुनते नजर आए। लेकिन प्रशासन करीब एक घंटे तक कथा स्थल पर मौजूद रहा,लेकिन छतों पर बैठे श्रद्धालुओं की तरफ प्रशासन का ध्यान नहीं गया।
वीआईपी पास को लेकर भी आयोजन समिति रहीं चर्चा में
आयोजन समिति के सचिव अनिल संत ने शिव महापुराण कथा में किसी भी तरह के कोई भी वीआईपास जारी करने के लिए साफ इनकार किया था। लेकिन कथा स्थल पर गेट नंबर -2 पर वीआईपी पास से श्रद्धालु एट्री करते नजर आए। आयोजन समिति ने गुपचुप तरीके से अपने चहेतों को रेवड़ी के रुप में वीआई पास का वितरण किया। शुक्रवार देर रात ही कथा स्थल पर बने मुख्य द्वार पर गेट नंबर -2 पर वीआई पास एट्री का बैनर भी लगा दिया गया।
बैनर और फलेक्स के नीचे छूपते नजर आए श्रद्धालु
दोपहर में अचानक हुई बरसात ने जहां शिव कथा के श्रद्धालुओं को भीषण गर्मी से राहत दी, वहीं श्रद्धालु कथा स्थल पर फलेक्स और बेनर के नीचे छूपते नजर आए। तेज बरसात के चलते कथा स्थल पर हड़कंप मच गया। वहीं परिजन बरसात में अपने बच्चों के लिए उचित स्थान तलाश नजर आए।वहीं बरसात से पहले छोटे-छोटे बच्चे छाता की छाया में कथा सुनते नजर आए।
बदला कथा का समय, दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक आयोजित होगी शिव महापुराण कथा
विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित श्री शिव महापुराण के तीसरे दिन शनिवार कथा की शुरुआत ओम नमः: शिवाय के मंगलाचरण से हुई। कथा के दौरान कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण की महिमा और कर्मों का महत्व बताया। कथा को सुनने लाखों की संख्या में दूरदराज से भीड़ जुटी। रविवार से कथा के समय में भी बदलाव किया गया है।
अब कथा दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। बढ़ती भीड़ और तेज गर्मी को देखते हुए विद्याधर नगर आयोजन समिति के संयोजक राजन शर्मा और सचिव अनिल संत ने भी लोगों से घर बैठकर कथा को टीवी और मोबाइल के माध्यम से लाइव सुनने की अपील की। आयोजन समिति के साथ ही कथा में बढ़ती भीड़ को देखते हुए कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने लोगों से कथा पांडाल नहीं पहुंचने की अपील की।
उन्होंने कहा- मैं जयपुर और जयपुर के आस पास के इलाकों से आने वाले भक्तों से अपील करना चाहूंगा कि आप इस कथा को घर पर बैठकर ही टीवी और मोबाइल पर चल रहे लाइव से ही सुने। कथा पांडाल की एक सीमा है। आप सभी का भगवान शिव के प्रति अपार स्नेह है। आयोजकों ने भी पूरी व्यवस्थाएं की है, लेकिन अपेक्षा से अधिक भक्त आ चुके हैं। ऐसे में सभी को सहयोग करना चाहिए। अभी आप सब से बड़ा सहयोग यही रहेगा कि आप घर पर ही बैठकर लाइव कथा सुने।
भाग्य की जगह कर्म पर करे विश्वास
प्रदीप मिश्रा ने कर्म का महत्व बताते हुए कहा- भगवान कभी नहीं कहते कि मैं तुम्हें सोना दे दूंगा, धन संपदा दे दूंगा। तो मैं आपको कहता हूं दुनिया का कोई भी बाबा पैदा नहीं हुआ जो बिना कर्म किए के गड़ा हुआ धन निकाल कर दे दे। आपको मेहनत और कर्म तो करने ही पड़ेंगे। जितना प्रेम अपने बच्चों से परिवार से पत्नी से करते हो उतना ही प्रेम आप अपने कर्म से भी करो। किसी भी भगवान के दर्शन आप करेंगे तो पता चलेगा कि भगवान विष्णु शेषनाग पर सो रहे है, ब्रह्मा कमल के पुष्प पर बैठे है। लेकिन महादेव बिना किसी शैया, बिना किसी आसन के कैलाश पर्वत के पत्थर पर बैठे है। भगवान शंकर यह दिखाना चाहते है कि कर्म से बढ़कर कुछ नहीं है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने चंचला देवी के शिवलोकगमन का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा- जब चंचला देवी अपने पति की मुक्ति की कामना को लेकर काशी पहुंची। उसी दौरान चंचला देवी की गंगाजी में पैर फिसलने से मृत्यु हो गई और वो शिवलोक धाम पहुंच गई। चंचला देवी के धाम पहुंचने पर माता पार्वति ने उनसे चुप रहने का कारण पूछा। इस पर माता पार्वति ने चंचला से कहा जो व्यक्ति शिव के मंदिर जाता है वो जोर-जोर से महादेव के जयकारे लगाता है। तुम शिव के लोक में हो। यहां रहने पर भी इतने चुप क्यों हो।
कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने इस प्रसंग के माध्यम से कहा जो शिव का भक्त होता है जब वह शिवालय जाता है तो जोरदार जयकारे से अपने शिव को रिझाने का प्रयत्न करता है। आप भी जब मंदिर जाए शिवालय जाए तो शिव का जयकारा जरूर लगाए। उन्होंने शिवाजी महाराज का जिक्र करते हुए कहा- जब भी शिवाजी युद्ध भूमि पर जाते थे, तो उनकी मां जीजा बाई उनसे शंकर के जयकारे लगाकर दहाड़ने को कहती थी। इसलिए जब भी शिवाजी युद्ध भूमि में होते थे हर हर महादेव का जयकारा लगाते थे।
प्रदीप मिश्रा ने कहा- शिवमहापुराण की कथा लोगों को मोक्ष देने वाली है। इस कथा की ऐसी महिमा है जहां भगवान शंकर और मां पार्वती स्वयं शिवमहापुराण कथा के दौरान गणगौर के रूप में यजमान बने।
प्रदीप मिश्रा ने कहा- एक ही समय पर कई बच्चें पैदा होते है। उन बच्चों में कई के नाम एक ही जैसे होते है कोई सिंहासन पर बैठता है तो कोई झोपड़ी में रहता है। सब अपने-अपने कर्मों का प्रभाव है।
ये गणमान्य लोग पहुंच कथा सुनने
कथा में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा, हवामहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक बालमुकुंदाचार्य, पूर्व जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहर, नगर निगम हैरिटेज जयपुर की महापौर कुसुम यादव भी पहुंची।