जयपुर। सोम पुष्य नक्षत्र में प्रथम पूज्य गणपति का पुष्याभिषेक किया गया। कहीं दूध से तो कहीं पंचामृत से अभिषेक कर अथर्वशीर्ष मंत्रों के साथ मोदक प्रिय गजानन को मोदक का भोग लगाया गया।मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में सुबह भगवान श्री गणेश जी महाराज का 151 किलो दूध, 21 किलो दही, सवा पांच किलो घी, 21 किलो बूरा, शहद, केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र और गुलाब इत्र से अभिषेक किया गया।
जिसके पश्चात गंगाजल, केवड़ा जल, गुलाब जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक किया। गंगाजल से शुद्ध स्नान कराकर सिंदूरी चोला और पोशाक धारण कराई गई। राजभोग झांकी में भगवान श्री गणपति सहस्त्रनाम को 1001 मोदक अर्पित किए गए। फूल बंगले में विराजमान कर भगवान के विशेष खीर का भोग लगाया गया।