July 27, 2024, 11:40 am
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राज्यस्तरीय डाक प्रदर्शनी ‘‘राजपेक्स-2023’’ का हुआ रंगारंग समापन

जयपुर। भारतीय डाक विभाग राजस्थान परिमंडल की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय डाक प्रदर्शनी ‘‘राजपेक्स-2023’’ का रंगारंग समापन बुधवार को जवाहर कला केंद्र के रंगायन सभागार में हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि अतिरिक्त महानिदेशक भारतीय डाक विभाग की स्मिता कुमार एवं विशिष्ट अतिथि चीफ पोस्टमास्टर जनरल राजस्थान परिमंडल जयपुर मंजू कुमार रही।

कार्यक्रम के शुरुआत में नवोदित फिलेटलिस्ट अद्वितीय ने ओडिसी डांस की प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। इसके बार राजस्थान संगीत संस्थान की ओर से कई शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों को रोमांचित किया। इसके बाद मुख्य अतिथि अतिरिक्त महानिदेशक भारतीय डाक विभाग राजस्थान परिमण्डल स्मिता कुमार को इतने शानदार आयोजन के लिए बधाई देते हुए फिलैटली को सभी को अपनाने की अपील की।

इसके बाद राजपेक्स-2023 की पूर्व तैयारियों के दौरान आयोजित की गई ‘‘वॉल पेंटिंग प्रतियोगिता’’ के विजेताओं की घोषणा की गई जिसमें पहले स्थान पर भारतीय विद्याभवन, विद्याश्रम स्कूल, केएम मुंशी मार्ग, जयपुर (प्रिशा वर्मा, कृतिका शुक्ला, भविशा बोहरा, मनस्वी, शैलजा जोरवाल), दूसरे स्थान पर द पैलेस स्कूल, जयपुर (धृति कोटावाला, हर्ष मेहता, कृष्णा रामरखानी, श्रृष्टि बजाज, विश्व प्रजापति) तो वहीं तीसरे स्थान पर संयुक्त रूप से सुबोध पब्लिक स्कूल, रामबाग (नंदिनी जांगिड़, रूपाली शेखावत, इकरा कुरेशी, सरवंगी अग्रवाल, प्रनव शर्मा) एवं नीरजा मोदी स्कूल, मानसरोवर जयपुर (वर्णिता जैन, प्रतीति जैन, हंनाह कच्छावा, अपल जैन, अनय शर्मा) रहे। इन सभी विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार से नवाजा गया। इसके साथ ही विभाग द्वारा इन विजेता स्कूलों को प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान की ट्रॉफी प्रदान की गई।

कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्य अतिथि एवं मंचासीन अतिथियों के द्वारा तीन विशेष आवरण जारी किया गया। जिसमें पहला आवरण रेगिस्तान सागवान के नाम से जाने वाले ‘‘रोहिड़ा पुष्प’’ पर जो परागकणों और पक्षियों को आकर्षित करता है। दूसरा आवरण ‘‘कुरजां पक्षी’’ पर जारी किया गया। तो वहीं तीसरा विशेष आवरण राजस्थान की महिलाओं द्वारा कलाई में पहले जाने वाले विशेष आभूषण ‘‘बंगड़ी’’ पर जारी किया गया, जिसे बनाने में सोने और चांदी के समान आकार के गोल मोती ही काम में लिए जाते हैं, जिससे ही इसका आकार बनता है।

इस प्रदर्शनी में 25 से ज्यादा स्कूलों, एनसीसी के कैडेट्स सहित लाखों लोगों ने प्रदर्शनी का भ्रमण किया। इस बार की प्रदर्शनी में ब्रिटिश भारत से लेकर अब तक के दुर्लभतम टिकटों के संग्रह की श्रृंखला मौजूद रही।

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