July 27, 2024, 7:01 am
spot_imgspot_img

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के कार्यकाल का सफलतम एक वर्ष: जोशी के नेतृत्व में खिला मरुधरा में कमल

जयपुर। पार्टी के अध्यक्ष पद पर पहुंचने वाला हर व्यक्ति शायद यही कामना करता है कि उसका नेतृत्व निर्विवादित और पार्टी को आगे बढ़ाने वाला रहे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के अध्यक्षीय कार्यकाल का 1 साल पूरा होने जा रहा है। 23 मार्च को सीपी जोशी को बीजेपी आलाकमान ने राजस्थान की कमान सौंपी थी। सीपी जोशी की ताजपोशी ऐसे समय हुई जो राजनीतिक पंडितों को चौंकाने वाली थी, क्योंकि विधानसभा चुनाव से मात्र 9 महीने पहले अध्यक्ष परिवर्तित करना कोई आसान निर्णय नहीं होता। सीपी जोशी के सामने एक तरफ विधानसाभा चुनाव और दूसरी तरफ गुटों में बटी बीजेपी को एकजुट करना बड़ी चुनौती थी।

सीपी जोशी को प्रदेश की बागडोर सौंपी गई तब सबके मन में पहला प्रश्न यही था कि क्या वे संगठन का पुनर्निर्माण सुचारू रूप से कर पाएंगे? क्या पार्टी में गुटबाजी को रोक पाएंगे? बड़े आंदोलनो में भीड़ नहीं जुट पा रही है क्या इसका समाधान निकाल पाएंगे? लेकिन सीपी जोशी ने अपने शांत और मिलनसार व्यक्तित्व के साथ-साथ कुशल कार्यशैली से राजनीतिक विश्लेषकों को हर मुद्दे पर चौंकाया। भाजपा में सीपी जोशी शायद राजस्थान के पहले प्रदेश अध्यक्ष होंगे जिन्होंने महज एक वर्ष के अपने कार्यकाल में दो बार प्रदेश कार्यकारिणी बनाई। उनका एक वर्ष का कार्यकाल निर्विवादित और बिना गुटबाजी वाला रहा।

27 मार्च को पदभार संभालने के दौरान ही सीपी जोशी ने मंच से कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र फूंक दिया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सम्मान की नहीं संवाद की बात की। कंधों पर बैठकर पद ग्रहण करने जाने की अपेक्षा, साथ चलकर संघर्ष करके मंजिल प्राप्त करने की बात की।

मोदी सरकार की उपलब्धियों के सहारे चुनावी रण में उतरने की बात कही, यही कारण रहा कि भाजपा संगठन में गुटबाजी शब्द समाप्त हो गया। उन्होंने संकल्प लिया कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ही साफा पहनेंगे। सबका साथ विजन को लेकर चलते हुए 3 दिसंबर 2023 राजस्थान से कांग्रेस की गहलोत सरकार को उखाड़ फैंका और प्रदेश में 115 सीटों पर कमल खिलाकर पार्टी को विपक्ष से सत्ता के शिखर पर पहुंचा दिया।

कहा जाता है कि प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उनके नाम का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लिया गया था। उनके अनुभव को देखें तो युवा मोर्चा अध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में संगठन में उनके अनुभव तथा कार्यशैली से सभी परिचित रहे हैं। भाजपा में उन्हें किसी गुट का नेता नहीं माना जाता। अपने सरल, सौम्य और परिश्रमी स्वभाव से उन्होंने सांसद के रूप में जिस तरह कार्य किया उससे प्रधानमंत्री प्रभावित थे।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी एक लो प्रोफाइल नेता है जो अक्सर कार्यकर्ताओं से किसी प्रकार का उपहार और मिठाई लेना पसंद नहीं करते। स्वयं एक समय भोजन करते हैं और रात्रि में सूर्यास्त के बाद कुछ खाते नहीं, यानी पहला सुख निरोगी काया इस मूल मंत्र को अपने जीवन में व्यावहारिक स्तर पर उतार कर कार्यकर्ताओं को एक उदाहरण पेश करते हैं।

सीपी जोशी के कार्यकाल की सबसे अच्छी बात यह रही कि एक वर्ष में एक बार भी कहीं कोई पोस्टर विवाद, गुटबाजी विवाद नजर नहीं आया। विपक्ष के किसी नेता ने उन पर तंज कसा या कोई व्यक्तिगत टिप्पणी की तो उसका भी उन्होंने सहज भाव से उत्तर दिया। एक वर्ष के अपने कार्यकाल में वे लगभग राजस्थान के हर हिस्से में जा चुके हैं, जहां उन्होंने संगठन में शक्ति संचार का कार्य किया है। अपने प्रत्येक भाषण और वक्तव्य में भी अपना आदर्श प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की कार्यशैली को बताते हैं।

उनके कार्यकाल में विधानसभा चुनाव से पहले जितने भी आंदोलन हुए वह अत्यधिक सफल रहे विशेष रूप से भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा बिना किसी गुटबाजी और विवाद के सफल रही। शुरुआत में प्रदेश की चार दिशाओं से राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , केंद्रीय मंत्री अमित शाह , राजनाथ सिंह एवं नितिन गडकरी की उपस्थिति में विशाल जन सभा कार्यक्रम निर्विघ्नता और बिना किसी विवाद के संपन्न हुए। किसी नेता की नाराजगी या गुटबाजी की बातें नहीं सुनी गई। सभी को उचित सम्मान मिला। इसका पूरा श्रेय उन्हीं को जाता है।

सीपी जोशी का मानना है कि वह एक साधारण किसान परिवार से, पार्टी के एक छोटे से कार्यकर्ता से यहां तक पहुंचे हैं और आज भी स्वयं को एक सामान्य कार्यकर्ता ही मानते हैं, जिसका कार्य पार्टी के द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को पूर्ण करना है।

5 जनवरी के दिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब विधायकों की बैठक लेने के लिए भाजपा प्रदेश कार्यालय में आए तो उन्होंने धातु से बनी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की एक आकर्षक मूर्ति सीपी जोशी को प्रदेश कार्यालय के लिए भेंट की।

सीपी जोशी के नेत्तृव में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही भजनलाल शर्मा प्रदेश के मुख्यमंत्री बने सियासी समिकरण ऐसे बने की सत्ता और संगठन के प्रमुख पदों पर एक ही वर्ग से आने पर सीपी जोशी को बदलने की अटकले जोर पकड़ने लगी। सीपी जोशी की कुशल सगंठनात्मक कार्यशैली से पीएम मोदी और अमित शाह खासे प्रभावित है। यही कारण है की हाल ही में सीपी जोशी ने टीम की घोषणा से साफ संकेत दिए की 2024 का लोकसभा चुनावी रण उन्हीं के नेत्तृव में लड़ा जाएगा। विधानसभा चुनावों की जीत के साथ ही जोशी लोकसभा चुनावों के रण में उतर चुके है।

राजनीतिक दलों मे कंई बार सत्ता और संगठन में तालमेल का अभाव देखने को मिलता है। लेकिन प्रदेश में सीएम भजनलाल शर्मा और सीपी जोशी की जोड़ी प्रदेश में मिशन 25 को पूरा करने के लिए मजबूती से आगे बढ़ रही हैं । यही कारण है की राजस्थान में सत्ता और संगठन एक साथ कदमताल करते नजर आ रहे है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles