जवाहर कला केन्द्र: पंजाबी सूफी नाइट में चला जीती जगजीत की आवाज का जादू

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जयपुर। फिजा में घुली गुलाबी ठंड के बीच पंजाबी और सूफी गीतों से सजी महफिल। कला प्रेमी ने सूफी गीतों से सुकून को आत्मसात किया और पंजाबी गीतों पर थिरकते नजर आए। गुरुवार शाम जवाहर कला केन्द्र के मध्यवर्ती में कुछ ऐसा ही दृश्य नजर आया। मौका रहा केन्द्र की ओर से आयोजित पंजाबी सूफी नाइट का। कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक जीती जगजीत ने सुरीली आवाज में सूफी और पंजाबी गीतों की महफिल सजाई। जीती जगजीत ने गीत ‘जुगनी’ से कार्यक्रम की शुरुआत की। ‘तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी’, ‘लिबाज’, ‘साड्डे आला अखियां करेंगी’ गीत सीधे श्रोताओं के दिलों तक पहुंचे। इसके बाद ‘इश्क दा रोग’, ‘हीर’, ‘खाली दिल नी ए जान वी मंगदा’, ‘यादा बिछड़े सजन दियां आइयां’ से समां बांधा।

अब महफिल परवान चढ़ने लगी। ‘मैं तेनू समझावा कि’ के साथ कार्यक्रम आगे बढ़। श्रोता दिल थामकर गीतों का लुत्फ उठाते रहे। ‘दिल दिया गल्ला’, ‘सानू इक पल चैन ना आवै’ से माहौल और भी खुशनुमा हो गया। ‘हल्का हल्का सुरूर’ व अन्य मशहूर गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। गौरतलब है कि जीती जगजीत हिंदी, पंजाबी, हरियाणवी, बॉलीवुड सॉन्ग्स, गजल और सूफी संगीत की महफिल का मशहूर नाम है। उन्हें जयपुर रत्न और 2019 में यूथ आइकन अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।

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