जेल में कैदियों के पास पहुंचे मोबाइलों का अब नहीं कर सकेंगे इस्तेमालः डीजी जेल

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जयपुर। प्रदेश में जेलों से धमकी देने के मामलों में बड़ रहे तंत्र को पूरी तरह खत्म करने सहित जेलों से जाने वाली धमके के कॉल पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए जेल प्रशासन ने कमर कस ली है। इसके लिए जेल प्रशासन ने प्रदेश की सभी जेलों में नई व्यवस्था (टीएचसीबीएस) लागू करने जा रही है। इसे सेंट्रल जेल और हाई सिक्योरिटी जेल पर लागू किया जाएगा।

इससे जेल से बाहर कॉल करना असंभव हो जाएगा। संभव: अगर मोबाइल जेल में पहुंच भी गया जब भी कैदी उसका इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। इसके लिए हाईटेक मशीनों का उपयोग किया जाएगा,जो जैमर्स से भी पावरफुल होंगे।

पुलिस महानिदेशक (डीजी) जेल गोविंद गुप्ता ने बताया कि हाईटैक मशीनों लगाने के बाद जेलों में उपयोग में होने वाली सिम की कॉल बाहर नहीं जाए। इसके लिए सभी जेलों में में टावर फॉर हार्माेनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम (टीएचसीबीएस) नाम से नई टेक्नॉलॉजी को ला रहे हैं। इसके लिए जेल परिसर में एक टावर लगाया जाएगा। इस टावर पर सभी मोबाइल नेटवर्क प्रदान करने वाली कंपनियां अपने-अपने इंस्ट्रूमेंट लगाएंगी।

जिससे मोबाइल कॉल बाहर नहीं जा सकेगा। इस सिस्टम को लगाने के बाद जेल से कॉल होना लगभग असंभव हो जाएगा। आगामी तीन-चार महीनों में बीकानेर, जयपुर, अजमेर, जोधपुर जेलों में और उसके बाद प्रदेश की सभी जेलों में यह टावर लगा दिए जाएंगे। यह लगने के बाद नॉर्मल और इंटरनेट कॉल भी नहीं लगेगा।

इस तकनीक की खासियत होगी कि यह किसी भी कम्पनी के मोबाइल को जेल परिसर में नहीं चलने देगी। किसी भी टेलिकॉम कम्पनी की सिम चालू की जाएगी तो यह तकनीक रिवर्स कॉल कर उसके नेटवर्क को खत्म कर देगी। जेलों में हर टेलिकॉम कंपनी का सेटअप लगाया जाएगा।

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