प्रेमानंद महाराज और अलबेली माधुरी शरण महाराज का अलौकिक और हृदयस्पर्शी मिलन

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The supernatural and heart-touching meeting of Premananda Maharaj and Albeli Madhuri Sharan Maharaj
The supernatural and heart-touching meeting of Premananda Maharaj and Albeli Madhuri Sharan Maharaj

जयपुर। धर्मनगरी वृंदावन की पावन भूमि पर स्थित श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में हाल ही में दो महान संत विभूतियों प्रेमानंद महाराज और श्री शुक सम्प्रदाय आचार्य अलबेली माधुरी शरण महाराज का अत्यंत भावपूर्ण, अलौकिक और हृदयस्पर्शी मिलन और संवाद का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दोनों एक- दूसरे को दंडवत प्रणाम करते दिख रहे हैं।

दोनों एक-दूसरे को पहले आसन ग्रहण करने का निवेदन कर रहे हैं। जब अलबेली माधुरी शरण जी महाराज प्रवेश कर रहे होते हैं तो प्रेमानंद जी महाराज शिष्यों के साथ उनकी अगवानी में खड़े है। एक-दूसरे से आलिंगन और दोनों के नेत्रों से बहती अश्रुधारा देखकर सभी की आंखें सजल हो उठी।

दोनों संतों के मध्य हुए आध्यात्मिक संवाद ने वातावरण को भक्ति और प्रेम के ऐसे माधुर्य से भर दिया कि प्रेमानंद महाराज की आंखों से स्वत: अश्रुधारा बह निकली। इस मिलन का चरम भाव उस समय प्रकट हुआ जब श्री शुक सम्प्रदाय आचार्य अलबेली माधुरी शरण महाराज ने तीव्र विरह भाव से विह्वल होकर प्रेमानंद महाराज को आलिंगन करते हुए कहा — मुझे बचाओ महाराज! इस मार्मिक पुकार पर प्रेमानंद महाराज ने सहज मुस्कान के साथ उत्तर दिया — आप ऐसी जगह गिरे हैं महाराज, जहां हर कोई गिरना चाहता है।

इसके बाद माधुरी शरण महाराज ने करुण भाव से प्रार्थना की — अब रहा नहीं जाता, अब कृपा कर दीजिए। आप आशीर्वाद दीजिए, कह दीजिए जा बेटा पार कर दिया। किशोरी जी से सिफारिश कर दीजिए। इस भावपूर्ण निवेदन पर प्रेमानंद महाराज ने आत्मीय स्नेह के साथ उत्तर दिया —बिलकुल सिफारिश पक्की है। आप भी राधा रानी से कहे कि इस जंजाल से मुक्त कर दें। यह दिव्य वचन सुनते ही अलबेली माधुरी शरण महाराज आनंद विभोर हो गए। बातचीत के दौरान, अलबेली माधुरी शरण महाराज ने प्रिया-प्रीतम (राधा-कृष्ण) की कृपा की याचना करते हुए झोली फैलाई।

प्रेमानंद महाराज ने कहा — आपको लाड़लजी का स्वरूप प्राप्त हो गया है। यह क्षण उपस्थित प्रत्येक भक्त के लिए अलौकिक अनुभव बन गया। संपूर्ण परिसर में राधा-कृष्ण नाम की गूंज और भाव-विभोरता का अद्भुत संगम दिखाई दिया।

माधुर्य भाव की जीवंत प्रतिमा अलबेली माधुरी शरण

उल्लेखनीय है कि अलबेली माधुरी शरण महाराज सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज के पीठाधीश्वर हैं। वे अपनी प्रेम पूर्ण वाणी, गहन माधुर्य भाव और श्री राधा रानी (किशोरी जी) के प्रति अपार प्रेम-भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके सत्संग सदैव शरणागति, सेवा और तीव्र भगवत प्रेम पर केंद्रित होते हैं। अलबेली माधुरी शरण महाराज जब भी किसी से मिलते हैं तो सामने वाले को पूरा सम्मान देते हैं। श्री राम चरित मानस का भाव है कि संत मिलन को चालिए तज कोटि अभिमान ज्यों ज्यों पग आगे बढ़े कोटि यज्ञ समान।

सरस यह माधुरी दासी तेरे चरणों की चेरी है

दो संतों के महामिलन के साक्षी प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि प्रेमानंद महाराज को श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश बड़े दादा गुरुदेव सरस माधुरी शरण महाराज द्वारा रचित रचना किशोरी राधिका प्यारी तुही सरदार मेरी है। नहीं है और से मतलब फकत एक आस तेरी है। सलोनी स्वामिनी श्यामा मुझे विरहाने घेरी है। दरश दीजे कृपा कीजे, करी काहे को देरी है। टहल बख्शो महल निज की विनय कर जोर टेरी है।

सरस यह माधुरी दासी तेरे चरणों की चेरी है…सुनाई तो प्रेमानंद जी महाराज श्री किशोरी जू श्री राधेरानी जी के भावपूर्ण वर्णन से अभिभूत हुए। सरस माधुरी जीे आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज के संस्थापक हैं। यह लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुरानी रचना है श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने आचार्यों की वाणी भेंट की।

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