जयपुर। शादियों के सीजन पर अब एक महीने के बाद सोलह दिसम्बर से विराम लगने वाला है। इसके बाद से मांगलिक कार्य पर एक माह के लिए रोक लग जाएगी। 16 दिसंबर से मलमास शुरू होगा, जो 14 जनवरी 2024 तक रहेगा। मकर संक्रांति से फिर से मांगलिक कार्य शुरू होगे।
पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं। उस मास को धनु मलमास कहा जाता है। मलमास में शुभ मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। आध्यात्मिक अनुष्ठान कर्म बढ़ जाता है। दान, तीर्थ, स्नान, ग्रह दोष उपाय अनुष्ठान कर सकते हैं। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि यानी 16 दिसंबर से मलमास शुरू होगा। यह पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 14 जनवरी 2024 तक रहेगा। इस वर्ष के आखिरी महीने दिसंबर में केवल आठ दिन ही विवाह के मुहूर्त रहेंगे।
कब-कब होंगे गुरु-शुक्र अस्त
विवाह के लिए शुक्र और गुरु ग्रह का उदित रहना जरूरी है। दोनों ग्रह विवाह के कारक हैं। इनके अस्त रहने पर विवाह नहीं होते हैं। 23 अप्रैल 2024 को शुक्र ग्रह दोपहर में अस्त हो जाएगा, जो 29 जून तक अस्त रहेगा। छह मई से गुरु ग्रह भी अस्त हो जाएगा। यह दो जून को उदित होगा, लेकिन शुक्र अस्त ही रहेगा इस कारण से मई, जून माह में विवाह की शहनाई नहीं बजेगी।
नए साल में 77 दिन मुहूर्त
पंडित बनवारी लाल शर्मा के अनुसार शुक्र के उदित होने के बाद जुलाई में विवाह मुहूर्त शुरू होंगे। ऐसी ही स्थिति वर्ष 2000 में बनी थी। सबसे ज्यादा मुहूर्त फरवरी (20 दिन) में हैं। वर्ष- 2024 में करीब 77 दिन शादी-विवाह के मुहूर्त रहेंगे। जो कि इस वर्ष की अपेक्षा चार दिन कम हैं। शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण मई और जून में एक भी विवाह का सावा नहीं है।