जयपुर। मान्यावास स्थित इंजीनियर्स कॉलोनी के नवीन जिनालय में शनिवार को तीन दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में आचार्य शशांक सागर महाराज के ससंघ सान्निध्य में शुरू हुआ। पंडित धर्मचंद शास्त्री एवं ब्रह्मचारी जिनेश भैया के निर्देशन में प्रथम दिन गर्भ कल्याणक की क्रियाएं हुईं। मंगलाष्टक, श्रीजी के कलशाभिषेक और शांतिधारा से इसकी शुरुआत हुई।
गाजेबाजे के साथ 108 महिलाओं ने मंगल गीतों के साथ घटयात्रा निकाली। ध्वजारोहण के बाद पांडाल उद्घाटन हुआ। वेदी शुद्धि पांडाल, वेदी शुद्धि संस्कार मंदिर, चित्र अनावरण, दीप प्रवज्जलन, नांदी कुंभ स्थापना के बाद आचार्य शशांक सागर महाराज के मंगल प्रवचन हुए। उन्होंने कहा कि श्रद्धा से मूर्ति में प्राण आते हैं।
दोपहर को सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, मंडल प्रतिष्ठा, श्री यागमंडल विधान पूजन हुआ। भगवान की माता बनने वाली तारा देवी कमलचंद छाबड़ा की मंगल द्रव्यों से गोद भराई की गई। शाम को श्रीजी और आचार्य संघ की आरती हुई। शास्त्र सभा, राज दरबार, इंद्र दरबार, रत्न वर्षा, हस्तिनापुर नगरी रचना, सोलह स्वप्न, 56 अष्ट कुमारियों द्वारा माता की सेवा सम्पन्न करवाई गई। मध्य रात्रि को बाल ब्रह्मचारी धर्मचंद शास्त्री और ब्रह्मचारी जिनेश भैया के निर्देश में गर्भ कल्याणक की आंतरिक क्रियाएं संपन्न हुई।
आज होगा जन्म कल्याण:
रविवार को जन्म कल्याणक, तप और ज्ञान कल्याणक की क्रियाएं संपन्न होगी। जन्म कल्याणक के अवसर पर पांडुक शिला पर जन्माभिषेक कलश होंगे। जिसके सैकड़ों श्रद्धालु कलश करेंगे।