जयपुर। ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन की ओर से पाठक पर्व आयोजित किया गया। इसमें कविता पर आधारित दो पुस्तकों का लोकार्पण हुआ और साथ ही स्वतंत्रता संग्राम के पुरोधा कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी की प्रसिद्ध पुस्तक ’पिलग्रिमेज टू फ्रीडम’ पर चर्चा की गई। यह आयोजन झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति के सेमिनार हॉल में हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृत शिक्षा के पूर्व निदेशक कैलाश चतुर्वेदी ने अपने संबोधन में कहा कि, हमें देश की स्वतंत्रता बड़ी मुश्किल से मिली है और हमें इसकी कद्र करनी होगी। साथ ही साहित्य की गंभीरता को समझते हुए इसके संरक्षण पर भी ध्यान देना होगा।
पुस्तकों के अध्ययन और पाठकों की भागीदारी बढ़ाने वाले इस पर्व में दो पुस्तकों ’निज मन मुकुर सुधारि’ और ’वाग्मिता’ का विमोचन किया गया। यह दोनों ही कविता संग्रह है। पहला कविता संग्रह कमल किशोर पिपलवा और दूसरा कविता संग्रह कविता शर्मा द्वारा लिखित है। विमोचन के पश्चात लेखक और लेखिका ने अपनी पुस्तकों में से कविताएं पढ़कर सुनाई गई।
इसके बाद ’पिलग्रिमेज टू फ्रीडम’ पर वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोड़ा ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि, यह पुस्तक 1902 से 1950 तक के समय के दस्तावेजों का महत्वपूर्ण संकलन है। इस पुस्तक में देश के स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं और नेताओं के विचार शामिल है। इसमे भारतीय संविधान के निर्माण प्रक्रिया की भी जानकारी है। पुस्तक में केएम मुंशी ने भारत को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की इकाई माना गया है। इसमें सरदार पटेल के तिब्बत और गोवा के बारे में विचार भी शामिल है।
ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के प्रमोद शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि पाठक पर्व का उद्देश्य पुस्तकीय संस्कृति को बढ़ावा देना है। पाठक अपनी पसंदीदा पुस्तकों पर चर्चा करें और अपने विचार व्यक्त करें ताकि लोग पुस्तक पुस्तकों को पढ़ने के लिए प्रेरित हो। 27 जुलाई को सद्य प्रकाशित पुस्तक ‘संतां साथै अधघड़ी’ का लोकार्पण किया जाएगा।