जयपुर। भांकरोटा थाना इलाके में पकड़े गए 11 बांग्लादेशी नागरिकों को वापस उनके घर भिजवा दिया गया है। पुलिस ने सभी को अलवर के डिटेनशन सेंटर से बांग्लादेश भेज दिया। डीसीपी पश्चिम अमित कुमार ने बताया कि भांकरोटा पुलिस को 20 अक्टूबर को मुखबिर से बांग्लादेशियों के इलाके में रहने की सूचना मिली थी। टीम का गठन कर दबिश देकर पुलिस टीम ने 11 बांग्लादेशियों और एक भारतीय सहयोगी को पकड़ा था।
इनमें 6 नाबालिग और दिव्यांग भी शामिल थे। इन सभी के पास भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, श्रम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड सहित बैंक, प्रॉपर्टी संबंधित डॉक्युमेंट मिले थे। अमित कुमार ने बताया- इनके पास बांग्लादेश के भी कागज मिले। इनमें बांग्लादेशी का जन्म प्रमाण पत्र, नेशनल आईडी कार्ड, स्कूल प्रमाण पत्र, असल नागरिकता एवं चरित्र प्रमाण पत्र शहर ए नगर निगम खुलान समेत संदिग्ध कागजात मिले थे।
सभी दस्तावेजों से बनवाए गए थे गलत कागज
डीसीपी ने बताया कि 20 अक्टूबर को पकड़े जाने के बाद संदिग्ध बांग्लादेशी से विभिन्न एजेंसियों द्वारा पूछताछ की गई। गृह विभाग को लेटर जारी कर इस संबंध में सूचना साझा की गई। गृह विभाग से स्वीकृति मिलने पर आगे की जांच की गई। संदिग्ध बांग्लादेशियों को अलवर डिटेंशन सेंटर भेजा गया। यहां पर अन्य एजेंसियों ने भी इन लोगों से पूछताछ की। इनके पास से मिले सभी कागज संबंधित विभाग को भेजे गए। सामने आया की सभी दस्तावेज गलत कागजात देने पर बने हैं।
इन सभी के फर्जी दस्तावेजों के मामले में सोहाग खान को गिरफ्तार किया गया। सोहाग से फर्जी दस्तावेजों के संबंध में जांच की गई। सोहाग ने बताया कि बांग्लादेश के नोजु फकीर ने परिवार के लोगों का फर्जी आधार कार्ड फिरोज कुरेशी व उसके भाई मो. आमिर उर्फ राजा से मिलकर बनवाए थे। इस पर पुलिस टीम ने कार्रवाई कर नोजु और फिरोज को भी गिरफ्तार किया। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद उसका भाई मोहम्मद आमिर उर्फ राजा फरार हो गया। नाजु को अभी वापस नहीं भेजा गया है। इनके साथ ही एक भारतीय सहयोगी उस्मान खान को भी पुलिस ने कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था।