जयपुर। जीवन सुख दुखों का संगम है किंतु दुखों को त्याग कर सुख मार्ग कैसे अपनाया जाए यह सिखाता है भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद का मार्ग । जगतपुरा के हरे कृष्ण मार्ग स्थित श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में रविवार को भक्ति मार्ग की परीक्षा एवं इंटरव्यू पास कर चुके 400 लोगों को आश्रय मार्ग पर चलने के लिए आश्रय समारोह आयोजित किया गया।
आश्रय में भाग लेने वालों में पुरुष और महिलाएं दोनों ही शामिल हुए । नए भवन के सुधर्मा हाल में इस आश्रय समारोह के लोग साधना भक्ति मार्ग का संकल्प लिया ।श्रीकृष्ण बलराम मंदिर के अध्यक्ष अमितासन दास जी ने बताया की परम पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण का भक्ति मार्ग सर्वश्रेष्ठ है और भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद श्री गौड़ीय वैष्णव परंपरा के महान आचार्य एवं गुरु है ।
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उन्होंने पूरे विश्व में हरे कृष्ण आंदोलन को स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि आश्रय कार्यक्रम में 6 अलग-अलग स्तरों पर परीक्षा पास करने वाले भक्त शामिल हुए । परीक्षा पास कर श्रील प्रभुपाद का आश्रय लेने के हक़दार हुए , यह दीक्षा से पूर्व की प्रक्रिया है जिसमे कम से कम 2 साल का समय लगता है। आश्रय के लिए पहले रजिस्ट्रेशन होता है। फिर पुस्तकों का पठन करना होता है , लिखित परीक्षा पास करना और साक्षात्कार अगले चरण होते हैं । सभी चरणों को पास करके दीक्षा के लिए भक्त तैयार होता है।