आनंद की तरंग मोको उठत नई-नई सावन की साझ

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जयपुर। नेट-थियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज राग अनुराग कार्यक्रम के अंतर्गत सुप्रसिद्ध गायक कलाकार दौलत सिंह ने अपने मधुर कंठ से शास्त्रीय गायन की ऐसी ऐसी प्रस्तुतियां दी की दर्शक वाह वाह कर उठे । नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि कलाकार दौलत सिंह ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत राग श्याम कल्याण में विलंबित ख्याल की रचना दासी थारी जन्म जन्म री, थे तो म्हारा सरताज, म्हारा रसिया प्रस्तुत की।

उन्होंने राग जोग में छोटा ख्याल की एक बंदिश *साजन मोरे घर आवे, मन अति सुख पावे, साजन मोरे घर आवे.. इसके बाद छोटा ख्याल में राग श्याम कल्याण की एक रचना *आनंद की तरंग मोको उठत नई-नई सावन की सांझ* सुनाकर दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ी l

इसके बाद राग केदार में एक छोटा ख्याल और अंत में राग भैरवी में झपताल 10 मात्रा का एक छोटा ख्याल जग जननी जग जानी महिषासुर मर्दिनी ज्वालामुखी चंडी अमर पद दानी भवानी को बडे ही सुरीले अंदाज में प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध किया। ।

इनके साथ तबले पर दिनेश खींची और हारमोनियम पर हरीश नागौरी ने असरदार संगतकर इस सुरीली शाम को परवान चढ़ाया l तानपुरा पर स्वर्ण और दिव्यांशी ने संगत की l कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी और राम शर्मा तथा प्रकाश एवं कैमरा मनोज स्वामी एवं संगीत सागर गढवाल ने किया। मंच सज्जा अंकित शर्मा नोनू एवं जीवितेश शर्मा की रही।

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