अकूत संपत्ति का मालिक निकला आईएएस राजेंद्र विजय, मूल्यांकन में एसीबी को लगेगा एक महीना

0
164
CID recovered cyber fraud amount with the help of Alwar DST
CID recovered cyber fraud amount with the help of Alwar DST

जयपुर। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी की रडार पर आए आईएएस अधिकारी राजेन्द्र विजय (कोटा के तत्कालीन संभागीय आयुक्त) अकूत संपत्ति का मालिक निकला। उसकी सम्पत्ति का मूल्याकन करने में एसीबी को करीब एक माह से ज्यादा का समय लग सकता है। सोमवार को एसीबी ने आईएएस के बेटे के सामने बैंक का लॉकर खोला। वहां पर बड़ी संख्या में सम्पत्तियों के दस्तावेज मिले है। राजेन्द्र विजय ने यह संपत्ति माता-पिता के नाम खरीद कर खुद की पत्नी के नाम गिफ्ट कराई है।

सोमवार को एसीबी ने सीतापुरा स्थित एक प्राइवेट बैंक का लॉकर खोला। इस दौरान राजेन्द्र विजय नहीं आए तो एसीबी उनके बेटे को लेकर बैंक पहुंची। लॉकर से एक किलो चांदी की सिल्ली, सिक्के, कुछ नगदी और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले। इस लॉकर के अलावा अभी तक दूसरा कोई लॉकर नहीं मिला है।

इसके अलावा 4 अक्टूबर को रेड की कार्रवाई के दौरान राजेंद्र विजय के फरार हुआ ड्राइवर चतर भी एसीबी के हाथ लग गया है। उससे बरामद प्रॉपर्टी के कागजात की जांच की जा रही है। ड्राइवर इस प्रॉपर्टी को खुद की बता रहा है। यह जांच की जाएगी कि ड्राइवर यह प्रॉपर्टी खरीदने में सक्षम है या नहीं।

एसीबी की जानकारी में आया कि राजेंद्र विजय ने वर्ष 2021 में 1 करोड़ 46 लाख की जमीन खरीदी। वर्ष 2022 में 6.25 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी थी। एसीबी ने इस दौरान राजेन्द्र विजय जिन पदों पर रहे, इस सम्बन्ध में जांच करना शुरू कर दिया है। एसीबी को अंदेशा है कि यह पैसा इन तीन पोस्टिंग के दौरान ही कमाया और खर्च किया गया होगा।

एसीबी को शक है कि राजेन्द्र विजय ने यह प्रॉपर्टी माता-पिता के नाम खरीदी और फिर उसे पत्नी के नाम गिफ्ट डीड करवा ली। वहीं एसपी के हाथ राजेन्द्र विजय का ड्राइवर चतर भी लग गया है। चतर ने भी कई दस्तावेज जमीनों के दिखाए हैं। इनकी जांच की जा रही है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here