June 29, 2025, 2:25 am
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जवाहर कला केन्द्र : श्री राम कला महोत्सव प्रदर्शनी का शुभारंभ, 20 जनवरी तक जारी रहेगी विराट प्रदर्शनी

जयपुर। एक्रेलिक रंगों से कैनवास पर साकार श्री राम के जीवन प्रसंग और इस पावन गाथा के सजीव चित्रण को निहारते कला प्रेमी। जवाहर कला केन्द्र में गुरुवार को यह दृश्य देखने को मिला। मौका रहा केन्द्र की ओर से आयोजित श्री राम कला महोत्सव के अंतर्गत आयोजित प्रदर्शनी का। जवाहर कला केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक श्रीमती अलका मीणा ने प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।

इस दौरान केन्द्र के अन्य पदाधिकारीगण व सभी कलाकार और कला प्रेमी मौजूद रहे। वरिष्ठ चित्रकार संदीप सुमहेन्द्र के क्युरेशन में अयोध्या स्थित श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 11 जनवरी को महोत्सव की शुरुआत हुई थी। प्रदेश के 20 वरिष्ठ व युवा चित्रकारों और कला विद्यार्थियों ने शिविर में यह पेंटिंग्स तैयार की। 20 जनवरी तक चतुर्दिक गैलरी में सुबह 11 से शाम 7 बजे तक यह पेंटिंग प्रदर्शित की जाएंगी।

संदीप सुमहेन्द्र ने बताया कि प्रदर्शनी में कुल 63 कलाकृतियां प्रदर्शित की गयी हैं। शिविर में भाग लेने वाले 20 कलाकारों ने प्रति कलाकार 2 प्रसंगों को चित्रित करते हुए कुल 40 पेंटिंग तैयार की, इसके अलावा 22 पेंटिंग विद्यार्थियों ने बनायी। इसके अतिरिक्त एक स्कल्पचर भी यहां प्रदर्शित किया गया है।

शिविर में भाग लेने वाले कलाकारों में कैलाश चंद शर्मा, वीरेन्द्र बन्नु, संजीव शर्मा, हेमल कांकरवाल, शिवानी भदौरिया, संतकुमार, सावित्री शर्मा, युवराज सिंह शेखावत, प्रियंका बावेजा, भावना सक्सेना, शकुंतला महावर, रश्मि राजावत, धर्मेन्द्र शर्मा गौतम, ममता देवड़ा , कुबेर सिंह नरूका, टीना लालावत, अपर्णा जैन, जयकिशन लाखनिया, विनीता शर्मा, लाल चंद कांवलिया शामिल रहे।

इसी के साथ राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट, राजस्थान यूनिवर्सिटी के दृश्य कला एवं ड्राइंग एंड पेंटिंग विभाग और निम्स यूनिवर्सिटी के कला विद्यार्थियों ने शिविर में हिस्सा लेकर राजस्थान की पारंपरिक चित्र शैली, रंग संयोजन और कम्पोजीशन की बारीकियां सीखी।

श्री राम के जीवन को राजस्थान की पारंपरिक चित्र शैलियों में दर्शाया

प्रदर्शनी में बालकांड से शुरू होकर, सीता स्वयंवर, वन गमन, सीता हरण, लंका दहन, राम सेतु निर्माण, रावण वध, लंका विजय और राम दरबार के चित्र देखने को मिले। वहीं श्री राम लला के चित्र ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। बताया गया कि वरिष्ठ चित्रकारों ने राजस्थान की 22 चित्र शैलियों यथा किशनगढ़, जैन, मेवाड़, फड़, कोटा, बूंदी शैलियों में इन चित्रों को तैयार किया।

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