जयपुर। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शनिवार को सुबह 09:56 बजे से प्रारंभ होगी । हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत किया जाता हैं। इस व्रत में भगवान श्रीगणेश के साथ-साथ चंद्रमा की पूजा भी की जाती हैं। इस बार ये व्रत आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि के दौरान किया जाएगा। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा आराधना करते समय 21 दूर्वा अर्पित करना चाहिए ।
ऐसा करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा बनी रहती हैं । इसके साथ ही श्री गणेशाय नमः मंत्र का जाप करें । विनायक चतुर्थी के दिन पूजा पाठ करते वक्त भगवान गणेश को उनके प्रिय मोदक अथवा बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए । इसके साथ ही सिंदूर, लाल फूल, नारियल सुपारी, कलावा और जनेऊ अर्पित करना भी शुभ माना जाता हैं।
इस दिन रवि योग भी रहेगा । शनिवार को गणेश चौथ माता की पूजा करने का शुभ समय सुबह 7:18 से 9:00 बजे तक हैं और दोपहर बाद 2:10 से 5:37 बजे तक हैं । सूर्यास्त के समय 7:20 से 8:37 तक पूजा कर सकते हैं। चंद्रोदय रात्रि में 8:18 पर होगा।