जयपुर। जंगलेश्वर महादेव मंदिर के निकट क्रांति चंद्र रोड बनीपार्क में श्री शिव महापुराण कथा समिति की ओर से आयोजित श्री शिवमहापुराण कथा में तृतीय दिवस को संतोष सागर महाराज ने सृष्टि खंड का वर्णन करते हुए वर्तमान के व्यावहारिक जीवन में शिव महापुराण के महत्व को बताया।
उन्होंने ने कहा कि शिव महापुराण जीव जंतु सेवा, प्रकृति पूजन और धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने का संदेश देती है। प्रकृति में जिसने भी हमें कुछ दिया है हमने उनको भगवान मानकर उसकी पूजा की है। इसलिए हमारी संस्कृति में पशु, पक्षी, पेड़, पौधों को भी पूज्य माना है।
बिल्व वृक्ष की महिमा बताते हुए संतोष सागर महाराज ने कहा कि शिवलिंग पर बिल्व पत्र चढ़ाने का विशेष माहात्म्य माना है, यह महान पुण्य को देने वाला है और यह सर्व मनोकामना को पूर्ण भी करता है। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति स्वयं के द्वारा लगाए गए बिल्व के वृक्ष से बिल्व पत्र शिवलिंग पर चढ़ाए, इसका बड़ा कोई पुण्य नहीं।
प्रत्येक व्यक्ति को अधिक से अधिक बिल्व के पौधे लगाने चाहिए। बिल्व की उत्पत्ति मां लक्ष्मी से हुई है। इसलिए मां लक्ष्मी को भी बिल्व अर्पित करने से महान फल मिलता है। शिव महापुराण के सृष्टि खंड में पंच तत्व की उत्पति के बारे में, मानव देह की सार्थकता, सृष्टि के निर्माण की कथा, मानव के मोक्ष प्राप्ति का मार्ग बताया गया है।
श्री शिव महापुराण कथा समिति के पदाधिकारियों के अतिरिक्त अतिथि आईजी सिक्योरिटी विष्णु कांत, वरिष्ठ प्रचारक आरएसएस सुदामा, भाजपा नेता चंपालाल गैदर, भगवती चौधरी, रमेश सोमानी, अरुण शर्मा, जोरावर सिंह पालावत, प्रकाश शर्मा, प्रताप भानु, महेंद्र यादव एवं श्रोताओं ने कथा सुनी।