जयपुर। आजकल जब हम एकल परिवारों में रहने लगे हैं तो शादियाँ हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गई हैं। यह एक मिलने और मौज-मस्ती करने का उत्सव बन गया है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस साल राजस्थान के विधानसभा चुनाव 23 नवंबर को होने थे जिस दिन देव उठनी एकादशी है यह तारीख बदलकर 25 नवंबर कर दी गई क्योंकि इस दिन लगभग 50 हजार शादियां होनी तय थीं।
इस बात से आप अंदाजा लगा सकते है कि हमारे देश में वेडिंगस इंडस्ट्री कितनी इम्पोर्टेन्ट है जो कि एक गवर्नमेंट के डिशन्स को पलट सके यह कहना था फोरम के पूर्व अध्यक्ष और इवेंट गुरु अरशद हसन का जो फोरम के 10वें वार्षिक सम्मेलन ’इवेंटस्थान’ में एक सेशन ‘मेड इन हैवन‘ के दौरान कहे। जब सरकार भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में इतने बड़े आयोजन की तारीखें बदलने के लिए मजबूर होती है तो आप समझ सकते है कि वेड्डिंग्स हमारे देश में कितनी महत्वपूर्ण है। पूरे भारत में विवाह उद्योग की तुलना करें तो राजस्थान वेडिंग एक लाख करोड की इंडस्ट्री है।
जिसका भारतीये जीडीपी में काफी बड़ा योगदान है न केवल भारतीय लोगों में बल्कि एनआरआई में भी इसकी भारी मांग है। फोरम के अध्यक्ष महावीर शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि इवेंट उद्योग के भविष्य में अपार संभावनाएं हैं और साथ ही संपूर्ण इंडस्ट्री में हर कोई आशावादी है कि राजस्थान और राजधानी जयपुर जल्द ही भारत का लास वेगास बन जायेगा। गौरतलब है कि ‘इवेंटस्थान‘ का आयोजन जयपुर के मुहाना मंडी रोड स्थित, हयात रीजेंसी में किया गया था।
कार्यक्रम का विधिवत उद्धघाटन मंगलवार को फोरम के अध्यक्ष महावीर शर्मा; समित गर्ग; पूर्व अध्यक्ष फोरम, हरप्रीत बग्गा एवं इवेंट गुरु अरशद हुसैन द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। आयोजित सत्रों के दौरान जो बात उभर कर सामने आई उनमें अहम थी कि इस उद्योग का भविष्य काफी उज्ज्वल है तथा इसका अभी और विस्तार होना बाकी है। फोरम के अध्यक्ष महावीर शर्मा ने अपने उद्घाटन भाषण में राजस्थानी वेडिंग इंडस्ट्री ही फ्यूचर है के बारे में विशेष बातचीत की तथा देश भर से आए लगभग 300 इवेंट मैनेजर्स को ‘इवेंटस्थान‘ में स्वागत किया। महासचिव हितेंद्र शर्मा ने स्वागत भाषण दिया व समित गर्ग कार्यक्रम के की नोट स्पीकर रहे।