जयपुर। गुप्त वृन्दावन धाम के 13वे पाटोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए श्रीकृष्ण बलराम दिव्य रथ पर सवार होकर निकले। यह रथ यात्रा जगतपुरा फ्लाईओवर हरे कृष्ण मार्ग से शुरू होकर गुप्त वृन्दावन धाम पर महा आरती के साथ संपन्न हुई। श्रीकृष्ण बलराम जैसे ही फूलों से सुसज्जित रथ पर विराजमान हुए वैसे ही पूरा वातावरण हरे कृष्ण महामंत्र की ध्वनि से गुंजायमान हो गया।
श्रीकृष्ण बलराम की भव्य रथयात्रा का शुभारम्भ स्वर्ण झाड़ू से मार्ग की शुद्धिकरण करके किया गया। भगवान के रथ को अनेक सुन्दर फूलों से सजाया गया। हजारों भक्तों ने हरे कृष्ण कीर्तन पर नृत्य किया और महामंत्र का जाप किया। भक्तों ने भगवान का रथ खींचकर सेवा का दुर्लभ सौभाग्य प्राप्त किया। पूरे मार्ग पर लोगों ने रथ पर पुष्प वर्षा की और कृष्ण बलराम की जल, फल, पुष्प और दीपों से आरती की। कीर्तन मंडलियों ने हरे कृष्ण महामंत्र के घोष के साथ पूरे जयपुर को भक्ति रस में डुबो दिया।
इस रथ यात्रा की विशेष बात यह रही कि रथ के साथ एक भव्य शोभायात्रा भी चली, जिसमें हाथी, ऊंट, घोड़े, मृदंग करताल के साथ कीर्तन मंडली, साउंड सिस्टम वाहन, दीपों से सुसज्जित वाहन और भगवान के लिए फूल, जल व भोग की व्यवस्था करने वाली अनेक गाड़ियां सम्मिलित थीं। संकीर्तन टीम पूरे रास्ते भक्ति रस बरसाती रही। यह सम्पूर्ण लवाजमा भक्तों के भाव को और अधिक प्रगाढ़ करता गया।
विशेष बात यह रही कि यह संपूर्ण रथ यात्रा ‘हरे कृष्ण मार्ग’ से होकर निकली-एक ऐसा मार्ग जो अब जयपुर में आध्यात्मिक सेवा का केंद्र बन गया है। गुप्त वृंदावन धाम का यह आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित होता है और स्वामी प्रभुपाद की शिक्षाओं के प्रचार और सेवा भावना के विस्तार हेतु लाखों भक्तों को जोड़ता है। हरे कृष्ण मार्ग के माध्यम से यह आयोजन जयपुर शहर को सनातन संस्कृति के रंग में रंग देता है।