जयपुर। एब्डोमिनल कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए चिकित्सा मंत्री, राजस्थान सरकार गजेंद्र सिंह खींवसर एब्डोमिनल कैंसर डे के फाउंडर डॉ संदीप जैन और इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट (आईआईईएमआर) के निदेशक मुकेश मिश्रा ने साथ मिलकर वर्ल्ड एब्डोमिनल कैंसर डे का पोस्टर लॉन्च किया। 45 दिन तक चलने मेगा अवेयरनेस ड्राइव में ‘अवेयरनेस इज पॉवर’ थीम पर आयोजनों की शृंखला रखी जाएगी, इसी क्रम में देशभर के 10 से अधिक शहरों में सिटी एम्बैस्डर्स बनाए गए हैं जो एब्डोमिनल कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य करेंगे।
पोस्टर लॉन्च के इस अवसर पर एब्डोमिनल कैंसर ट्रस्ट के फाउंडर एवं एब्डोमिनल कैंसर डे के संस्थापक डॉ संदीप जैन ने कहा, “पेट से जुड़े कैंसर को लेकर जागरूकता की आज सख्त ज़रूरत है, क्योंकि समय रहते पहचान और इलाज ही जीवन बचा सकते हैं। यह जागरूकता कार्यक्रम केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक प्रयास है हर व्यक्ति तक सही जानकारी पहुँचाने का। हमारी कोशिश है कि कोई भी लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करे और समय पर जाँच करवाकर एक स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाए।”
इसके साथ ही कर्टेन रेज़र के रूप में 18 मई को दुनियाभर के 25+ शहरों में आयोजित होने वाली मल्टीसिटी वॉक से कैंसर के खिलाफ एक सशक्त संदेश दिया जाएगा।
इस बारे में बात करते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट (आईआईईएमआर) के निदेशक मुकेश मिश्रा ने बताया, “वर्ल्ड एब्डोमिनल कैंसर डे के अवसर पर हम एक जागरूक और स्वस्थ समाज की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। मल्टी-सिटी वॉक और पैनल डिस्कशन जैसे आयोजनों के माध्यम से हमारा प्रयास है कि लोग समय रहते कैंसर के लक्षणों को समझें और सक्रिय जीवनशैली अपनाएं। इसके लिए हमने देशभर में 10 शहरों में सिटी एम्बैस्डर्स बनाए हैं।”
सिटी एम्बैस्डर्स की सूची :
सूरज कुमार – बैंगलोर
डॉ प्रदीप यादव – बहरोड़
डॉ इमरोज़ ख़ान – दिल्ली
गौरव चौधरी – फरीदाबाद
डॉ किरण छिल्लर – गुरुग्राम
नीरज गहलोत – कोटा
आशीष कुमार – लुधियाना
मुकेश कुमार – नई दिल्ली
बृजेश ओझा – बाड़मेर
हस्ती ओझा एवं ध्याना ओझा – भावनगर
क्या है एब्डोमिनल कैंसर:-
एब्डोमिनल कैंसर में वे कैंसर शामिल होते हैं जो पेट (एब्डोमेन) के भीतर मौजूद विभिन्न अंगों को प्रभावित करते हैं। आमतौर पर कैंसर (गैस्ट्रिक), लिवर, पैंक्रियाटिक, कोलन और रेक्टल, गॉल ब्लैडर, ओवेरियन, पेरिटोनियल, किडनी और छोटी आंत के कैंसर एब्डोमिनल कैंसर की श्रेणी में आते हैं। हर प्रकार के कैंसर के लक्षण, निदान और उपचार अलग-अलग होते हैं। जागरूकता, समय पर पहचान और नियमित जांच से न केवल इन कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है, बल्कि प्रभावी उपचार के माध्यम से इनसे निजात भी पाया जा सकता है।