जयपुर। युगों युगों से भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य एवं पावन लीलाएं पृथ्वी लोक के माया मोह के भंवर जाल में फंसे प्राणियों को मुक्ति का मार्ग दिखा रही हैं । कलियुग में बढ़ती आधुनिकता की चकाचौंध मे भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य लीलाएं ही मुक्ति का एकमात्र और सर्वश्रेष्ठ मार्ग है । जगतपुरा के हरे कृष्ण मार्ग पर स्थित श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में मंगलवार को श्रीकृष्ण कथाओं का पावन पान कराते हुए मंदिर के कृष्ण भक्त सिद्ध स्वरूप दास जी ने सरल शैली में कृष्ण कथा से अनेक प्रसंग सुनाते हुए कहा।
श्री कृष्ण कथा से हुआ कईओं का उद्धार
मन्दिर अध्यक्ष अमितासन दास ने कहा कि हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर एवं कृष्ण भावनामृत सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में यह दो दिवसीय श्री कृष्ण कथा का आयोजन किया जा रहा है l श्री कृष्ण कथा का श्रवण करने के मात्र से उद्धार संभव है | उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण कथा से यहाँ भी लोगों को वास्तविक लाभ हुआ है और कईयों का जीवन बदला है । उन्होंने श्रीमद्भागवत गीता यथारूप को संसार का सर्वश्रेष्ठ धार्मिक ग्रंथ बताते हुए कहा, कि भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने श्रीमद्भागवत गीता की यथारूप रचना की एवं अस्सी से ज्यादा भाषाओं में अनुवाद किए और अनेक धार्मिक ग्रंथ लिखे ।
उन्होंने कृष्ण की बाल लीलाओं के अनेक प्रसंग रखते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अघासुर, बकासुर और कालिया नाग जैसे असुरों का वध कर के ग्वाल बाल एवं गायों की रक्षा की ।एक अन्य प्रसंग में कहा कि नंद महाराज के एक मित्र ने गोवर्धन लीला के बाद कहा कि हे नंद महाराज हम यह नहीं जान पा रहे हैं कि हम आपके पुत्र कृष्ण के प्रति इतने आकर्षित क्यों हैं ।हम उन्हें भुलाना चाहते हैं पर वे ह्रदय में इतने बसे हैं कि उन्हें भुलाना संभव नही है ।
ग्वाल बालों से उनकी प्रशंसा सुनकर नंद महाराज ने अपने उत्तर में उनकी शंकाओं का समाधान करते हुए कहा कि गर्ग मुनि के वचन बताना चाहता हूं जिससे तुम्हारा संदेह दूर होगा | उन्होंने श्रीकृष्ण के नामकरण संस्कार पर कहा था कि यह बालक विविध रंग धारण करके प्रकट होता रहा है, इस बार वह श्याम वर्ण में होने के कारण कृष्ण कहलाया है ।
इससे पूर्व के जन्मों में श्वेत रंग, लाल रंग और पीले रंग में पैदा हुए हैं उन्होंने आगे कहा कि यह सभी ग्वालो एवं गायों को दिव्यानंद प्रदान करेगा इस बार यह बालक सबको मुक्ति दिलाएगा ऋषि गर्गाचार्य ने आगे कहा यह बालक अवश्य ही नारायण या नारायण के अंश है । वे दयालु सुंदर और करुणा पूर्ण है ।वे हमारी रक्षा करें | इस प्रकार भगवान की दिव्य लीला एवं उनके प्रभाव अनंत हैं और कलयुग में लीलाओं के श्रवण एवं जीवन में उन्हें उतार कर ही जीवन का मार्ग पाया जा सकता है ।