जयपुर। निवारू रोड स्थित जय सियाराम मैरिज गार्डन लालचंदपुरा में रविवार को 108 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन किया गया। इस मौके पर यज्ञ में वैदिक गोसंवर्धन समिति, आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान तथा आर्य वीर दल का विशेष योगदान रहा।
यज्ञ के ब्रह्मा वैदिक विद्वान् आचार्य रविशंकर आर्य ने आयोजन में सभी को वैदिक ऋचाओं और महामंत्रों का उच्चारण करते हुए आहुंतियां दिलवाई । वेद मंत्रों पर विशेष हवन सामग्री से 11000 आहुतियां से पूरा वातावरण सुगंधित हो गया। इस दौरान 108 हवन कुंडों में बड़ी संख्या में साधकों ने भी मंत्रों का उच्चारण करते हुए यज्ञ देव को सामग्री अर्पित की। पूरे क्षेत्र महामंत्रों की ध्वनी से भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम में आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के संरक्षक एवं सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती मुख्य अतिथि थे। उन्होंने आयोजन में अपने संबोधन में सनातन धर्म का महत्व बताते हुए सभी से नियमित हवन यज्ञ और नियमित रुप से धर्म की पालना करने के साथ ही भारतीय संसकृति को आत्मसात करने पर जोर दिया। सभी से आह्वान करते हुए कहा कि हमें अपने साथ ही सकारात्मक भाव रखते हुए अन्य का भी ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यज्ञ हमें समय प्रबंधन सिखाता है, स्वास्थ्य गया तो चिकित्सा, व्यायाम, प्राणायाम,आहार विहार करके पुनः प्राप्त किया जा सकता है, धन गया तो पुरुषार्थ और व्यापार से पुनः प्राप्त किया जा सकता है परंतु व्यर्थ में बिताए गए समय एवं कुसंगति से गवाए गए चरित्र को पुन प्राप्त नहीं कर सकते। हमें पूर्णतया समय का सदुपयोग करते हुए भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को आत्मसात करते हुए पूर्णतया सदाचारपूर्वक जीवन निर्वाहन करना चाहिए।
बालकों में अच्छे संस्कार हो…
स्वामी ने कहा बालकों में अच्छे संस्कार हो इसके लिए माता-पिता को प्रारंभ से बालकों को संस्कारवान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। स्वामी ने बताया कि आज सभी देश अपनी संस्कृति को सर्वोपरि बनाए हुए है, इसलिए हम भी प्रण करें की सभी जगह हमारी बोली भाषा और धर्म का मान बना रहे। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश हमारी परोपकार और विश्व बंधुत्व की भावना के कारण विश्व में अलग पहचान कायम किए हुए है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति और देश को समृद्ध और विकासशील बनाने के कारण ही आज विश्व में भारत अलग पहचान रखता है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी का भी विशेष योगदान है। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि
आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के प्रधान वेदपाल शास्त्री ने भी अपने विचार रखे। शास्त्री ने युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि वे चाहे जहां रहे, रोजगार करें लेकिन हमारे संस्कार और संस्कृति नही भूले। आयेाजन में दीपक शास्त्री एवं ज्योति आर्य के सुमधुर भजनों की प्रस्तुतियां और उनकी पुरकशिश आवाज ने सभी को मन मोह लिया। मुख्य आयोजनकर्ता कृष्ण कुमार सदाका ने बताया कि साकल्य एवं समिधा से यज्ञ में दी गई आहुति से पर्यावरण शुद्धि, वैदिक संस्कृति का संरक्षण किया जाना मुख्य उद्देश्य है। इसी को ध्यान में रखकर यज्ञ का आयोजन किया गया। उपप्रधान देवेंद्र शास्त्री जयपुर एवं सेवाराम आर्य हेमसिंह आर्य जोधपुर से विशिष्ट अतिथि थे कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मप्रकाश आर्य ने किया। कार्यक्रम में विद्यानगर नगर क्षेत्र के आर्य समाज के पदाधिकारीयों की कार्यकारिणी का गठन किया गया।
आयोजन में बड़ी संख्या में आर्यवीर बालकों के साथ ही सभी उम्र के लोगों ने सहर्ष भाग लिया। आयोजन के विश्राम पर सभी ने प्रसादी ग्रहण की।