जयपुर। आमजन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पूरे देश में प्रकृति परीक्षण किया जा रहा है। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय जयपुर में कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने अपना प्रकृति परीक्षण करवा कर देश का प्रकृति परीक्षण अभियान का शुभारंभ किया। कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर और आयुष राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव की प्रेरणा से आयुष मंत्रालय भारत सरकार की ओर से पूरे देश में प्रकृति परीक्षण का अभियान चलाया जा रहा है।
जिसका नाम देश का प्रकृति परीक्षण है। इस अभियान के अंतर्गत हमारे संस्थान में सभी चिकित्सकों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और अस्पताल में आने वाले रोगियों और उनके परिजनों का प्रकृति परीक्षण किया जा रहा है। सभी देशवासी अपना प्रकृति परीक्षण करवा कर अपनी प्रकृति को जाने जिससे हमें जानकारी होगी कि हमें कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है, हम किस तरह की चिकित्सा ले सकते हैं या किन-किन बीमारियों से हम अपना बचाव कर सकते हैं। यह प्रकृति परीक्षण हमारे लिए बहुत आवश्यक है साथ ही हमारी चिकित्सा और देश के लिए भी बहुत आवश्यक है। देश में जो बीमारियां बढ़ रही है उनको हम समय पर कम करने का प्रयास कर सके।
क्रिया शरीर विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. छाजू राम यादव ने बताया की हमारे शरीर में वात, पित्त और कफ के संतुलन से ही हम स्वस्थ रहते हैं और इनके कारण होने वाली बीमारियों से हम सुरक्षित रहते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के शरीर की प्रकृति अलग-अलग होती है जिसके कारण उनमें वात, पित्त और कफ के संतुलन नही होने के कारण कई रोग होते हैं। प्रकृति परीक्षण में आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन माध्यम से तैयार मोबाइल एप्प पर आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा उनसे शारीरिक और जीवन शैली से संबंधित जानकारी लेकर उनकी प्रकृति के विषय में जानकारी दी जाती है।
जिससे उन्हें समय-समय पर आयुष मंत्रालय द्वारा जानकारी मिलती रहेगी है कि उन्हें अपने भोजन में ऋतु के अनुसार क्या क्या बदलाव करने के साथ ही जीवन शैली की आदतों में भी क्या-क्या सुधार करना है जिससे की वह स्वस्थ रह सके और होने वाली बीमारियों से अपना बचाव कर सके। प्रधानमंत्री की पहल पर अब राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के चिकित्सकों द्वारा रोगियों और उनके परिजनों के साथ जयपुर शहर और ग्रामीण इलाकों में भी आमजन का प्रकृति परीक्षण किया जाएगा। शरीर क्रिया विभाग में कार्यरत डॉ भानु प्रताप सिंह सहायक आचार्य को इस अभियान के लिये संस्थान में नोडल अधिकारी बनाया गया है।