जयपुर। लाल कोठी थाना इलाके में स्थित जयपुर सेंट्रल जेल में बंद एक बंदी ने प्रहरी को देखकर मोबाइल निगल लिया। इसके बाद कैदी को जेल अस्पताल पहुंचाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां कैदी की जांच में मोबाइल पेट में होने की जानकारी मिली। इस पर चिकित्सकों ने बिना ऑपरेशन किए मोबाइल को मुंह के रास्ते एंडोस्कोपी कर बाहर निकाल लिया गया। इस संबंध में जेल प्रशासन की ओर से कैदी के खिलाफ मोबाइल निगलने मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।
जांच अधिकारी पुलिस हेड कांस्टेबल जुगल किशोर ने बताया कि जयपुर जेल प्रशासन की ओर से मामला दर्ज करवाया है कि जेल में विचाराधीन बंदी फज्जू निवासी अशरफ काली का भट्टा नाग तलाई घाटगेट (जयपुर) का रहने वाला है। जिसे रामगंज थाना पुलिस ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। इसके बाद से वह जेल में वार्ड नंबर छह के बैरक नंबर एक है। जो बैरक में संदिग्ध काम करते हुए देखा। जयपुर सेंट्रल जेल के वार्ड नंबर-6 पर तैनात ड्यूटी प्रहरी राम नरेश और मुख्य प्रहरी सुरेश कुमार की ओर से टोका गया तो कुछ देर के लिए चुपचाप खड़ा रहा। इसके बाद जल्दबाजी में वह कुछ निगल गया।
इसके बंदी का जेल अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया। जेल डॉक्टर कैलाश विजय ने बंदी को प्राथमिक जांच के बाद एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया। कैदी को एसएमएस लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने पेट से मोबाइल निकाला। इसे एक जार में डाल कर जेल प्रहरियों को दे दिया। इसके बाद जेल प्रहरी कैदी को लेकर जयपुर सेंट्रल जेल पहुंचे। उसे बैरक में शिफ्ट करा दिया।
आलाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद जेल प्रशासन की ओर से थाने में बंदी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया। सवाई मानिंसह अस्पताल डॉक्टर शालू गुप्ता ने बताया कि कैदी उनके पास आया था। इसकी जांच की गई तो मोबाइल पेट में होना पाया गया। इस पर एंडोस्कोपी कर मुंह के रास्ते से ही मोबाइल को बाहर निकाल लिया गया।