जयपुर/भरतपुर। भरतपुर जिला स्पेशल टीम और कोतवाली थाना पुलिस ने कुलदीप जघीना हत्याकांड (Kuldeep Jaghina murder case) में शामिल कृपाल जघीना के बेटे आदित्य और मां बगलामुखी दरबार के महंत अमित शर्मा को अवैध हथियार और कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जानकारी में सामने आया कि कृपाल के बेटे आदित्य को अवैध हथियार महंत अमित शर्मा ने उपलब्ध कराया था।
महंत अमित शर्मा के पास भी दो जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। कृपाल का बेटा इस अवैध हथियार के दम पर किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
कृपाल के बेटे आदित्य को पुलिस की ओर से न्यायालय में पेश की गई चार्जशीट में क्लीनचिट दी गई थी। पुलिस ने यह सब रणनीति के तहत उस पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए किया था। साथ ही महंत अमित शर्मा के खिलाफ भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। आदित्य कृपाल जघीना का बेटा है और कृपाल की हत्या कुलदीप ने की थी।
जिसका बदला लेने के लिए पेशी के दौरान बस में चारों तरफ से गोलियां बरसाकर कुलदीप की हत्या कर दी गई थी। कुलदीप के परिजनों ने एफआईआर में आदित्य का नाम लिखवाया था। मामले की जांच में आदित्य का कुलदीप की हत्या में शामिल होना पाया गया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को चिन्हित किया।
भरतपुर पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि डीएसटी टीम और कोतवाली थाना पुलिस ने कृपाल के बेटे आदित्य को अवैध कट्टा और दो कारतूस के साथ रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपित आदित्य को यह अवैध हथियार मां बगलामुखी का गुप्त दरबार लगाने वाले महंत और उसके धर्म गुरू अमित शर्मा उर्फ मोनू किला ने उपलब्ध कराया था।
इसके बाद पुलिस ने महंत अमित शर्मा को किला स्थित बांके बिहारी मंदिर के पास घेराबंदी कर पकड़ा। पुलिस को उसकी तलाशी के दौरान उसके पास से दो जिंदा कारतूस बरामद किए। पूछताछ में सामने आया है कि इन आरोपियों ने कुछ लोगों को अपना निशाना बनाने के लिए चिह्नित भी किया था। फिलहाल मामले में और पड़ताल की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक कच्छावा ने बताया कि कुलदीप जघीना हत्याकांड जांच में आदित्य का स्पष्ट रूप से रोल सामने आया है। कुलदीप जघीना हत्याकांड में भी आदित्य के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बीते दिनों न्यायालय में पेश की गई चार्ज शीट में कृपाल के बेटा आदित्य को क्लीन चिट दी गई थी, लेकिन यह सब रणनीति के तहत किया गया था ताकि इस पर पकड़ को और मजबूत बनाया जा सके। इसके बाद अजमेर जेल से मिले इनपुट से पता चला है कि कुलदीप हत्याकांड को अंजाम देने वाली गैंग भी दो फाड़ हो गई है।
गैंग में मनमुटाव और आपसी झगड़ा चल रहा है। गिरफ्तार किए गए महंत अमित शर्मा से पूछताछ में सामने आया कि उसने यह अवैध हथियार मथुरा निवासी अपने एक चेले से लिया था। आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पूरी चेन का पता लगाया जाएगा और सभी को मामले में आरोपित बनाकर कार्रवाई की जाएगी। असल में गिरफ्तार किया गया महंत अमित शर्मा शहर के किला क्षेत्र में मां बगलामुखी के नाम से गुप्त दरबार चलाता था।
वह खुद पर माता बगलामुखी का आशीर्वाद बताकर लोगों के इलाज का दावा करता है। रोजाना उसके आश्रम में इलाज लेने वालों की लाइन लगती है। कई लोग अमित शर्मा को अपना धर्मगुरु मानते हैं। उसके खिलाफ पूर्व में भी 4-5 आपराधिक मामले दर्ज हैं। महंत अमित शर्मा की पृष्ठभूमि आपराधिक रही है। अब पुलिस महंत अमित शर्मा की हिस्ट्रीशीट भी खोलेगी।
गौरतलब है कि 12 जुलाई को पेशी पर लाते समय कुलदीप की हत्या कर दी गई। कुलदीप को पुलिस सुरक्षा में पेशी पर लाया जा रहा था। कुलदीप कृपाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी था। जिस समय आरोपियों ने कुलदीप की हत्या की उस दौरान बस में और सवारियां बैठी हुई थी। इस हत्याकांड का एक सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुआ। सीसीटीवी के जरिए ही हत्या में शामिल आरोपियों की पहचान हो पाई थी।
जिसके बाद पुलिस ने अभी तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बदमाशों ने बस को चारों तरफ से घेर कर गोलियां बरसाई थी। कुलदीप के साथ उसका साथी विजयपाल भी था, लेकिन विजयपाल के हाथ में गोली लगी और वह बच गया। वह कुलदीप का हत्याकांड का मुख्य गवाह है।
कुलदीप और कृपाल एक ही गांव जघीना के रहने वाले थे। दोनों ही हिस्ट्रीशीटर थे। दोनों में काली की बगीची स्थित जमीन और भरतपुर में अपना वर्चस्व कायम रखने का झगड़ा था। दोनों में इसी बात को लेकर तनातनी थी। जिसको लेकर कुलदीप ने अपने साथियों योय साथ मिलकर कृपाल की हत्या कर दी।