जयपुर। प्रभा खेतान फाउंडेशन के सहयोग से ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के आखर कार्यक्रम में इस बार वरिष्ठ साहित्यकार सत्यदेव संवितेंद्र रूबरू होंगे। उनके साथ मंगलवार, 24 अक्टूबर को संवाद किया जायेगा। इसमें राजस्थानी साहित्य के विभिन्न पक्षों पर बातचीत की जाएगी।
सत्यदेव संवितेंद्र का जन्म 15 जून 1957 को जोधपुर में हुआ। वह राजस्थानी और हिंदी में पिछले 45 वर्षों से लगातार लेखन कर रहे हैं। अब तक 60 पुस्तकों का लेखन और संपादन कर चुके हैं। उनकी समै रा साच, जूण जातरा, सबद भरै साख, ओळूं रै आंगणियै, सदी रै बाजारू कांठै, अंतस री सतरंगी सांसां, न्यू पिंच, माडधरा बतळाती बोलै, धोरां तपी बेकळू बोलै, जूणां री ओळूं, सांसां में घोळूं इन पुस्तकों के साथ हिंदी में कविता, कहानी, नाटक, उपन्यास और विचार सूत्र विधा की पोथियां प्रकाशित हुई है। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएं और साक्षात्कार भी छपे हैं। इसके साथ ही आकाशवाणी और दूरदर्शन से कई रचनाएं प्रसारित हुई है।
इन्हें अपनी रचनाधर्मिता के कारण राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर, राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर, मारवाड़ी सम्मेलन मुंबई, द्वारका सेवा निधि जयपुर, सिटीजन्स सोसायटी फॉर एज्यूकेशन के पुरस्करों सहित मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट, जोधपुर के मारवाड़ रतन से सम्मानित किया गया है।
इसके साथ ही कई अन्य साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्थाओं से पुरस्कार और सम्मान भी प्राप्त हुए है। वर्तमान में सत्यदेव संवितेंद्र विज्ञापन और पर्यटन व्यवसाय के साथ-साथ स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन से भी जुड़े हुए हैं।