जयपुर। जयपुर मेट्रो स्टेशन और ट्रेन को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से प्रशासन में हडकम्प मच गया। सूचना के बाद मेट्रो थाना पुलिस और स्थानीय पुलिस ने सभी स्टेशनों और ट्रेन की सघन तलाशी ली। तलाशी में कुछ भी नहीं मिलने पर पुलिस और सुरक्षा दलों ने राहत की सांस ली। पुलिस ने करीब 6 घंटे तक सभी स्टेशन और ट्रेन की तलाश ली। जयपुर में मेट्रो के मानसरोवर से लेकर बड़ी चौपड़ तक 11 स्टेशन है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम जयपुर मेट्रो की ऑफिशियल मेल आईडी पर ईमेल आया। इसमें ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद जयपुर मेट्रो स्टेशन और ट्रेन दोनों को उड़ाने की धमकी दी गई है। ईमेल पर मिली इस धमकी के बाद जयपुर मेट्रो और पुलिस प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया है। मानसरोवर से लेकर बड़ी चौपड़ तक सघन जांच अभियान शुरू कर दिया गया।
डीसीपी मेट्रो सुशील कुमार ने बताया कि शु्क्रवार दोपहर बाद एक धमकी भरा ईमेल मिला था। इसमें मेट्रो स्टेशनों को बम से उड़ने की धमकी दी गई थी। इसके बाद से ही हमने एहतियातन रूप से सुरक्षा बढ़ा दी है। जयपुर के मेट्रो स्टेशनों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
हालांकि इस दौरान मेट्रो के संचालक पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ा है। फिलहाल मेट्रो ट्रेन का संचालन यथावत जारी है। मेट्रो कर्मचारियों द्वारा मेल जांचने पर धमकी का पता चला। इस पर करीब 6 घंटे तक सभी मेट्रो स्टेशन और ट्रेन की सघन तलाशी ली गई। तलाशी में कुछ भी नहीं मिला।
एक दिन पहले मिली थी एसएमएस स्टेडियम को उड़ाने की धमकी
इससे पहले 8 मई को एसएमएस स्टेडियम को भी बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। खेल परिषद के अध्यक्ष नीरज के पवन ने बताया था- सुबह 9:13 पर ईमेल आया था। कर्मचारियों ने ईमेल को ओपन करके देखा तो उसमें स्टेडियम को बम से उड़ने की धमकी दी गई थी। मेल में लिखा था कि ऑपरेशन सिंदूर के सफल होने के बाद अब एसएमएस स्टेडियम को बम से उड़ाया जाएगा। एसएमएस स्टेडियम के बाहर का इलाके और बिल्डिंग को सर्च किया गया था। सर्च के दौरान कुछ भी नहीं मिला था।
गौरतलब है कि इससे पहले 3 अप्रेल को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी की गई थी। यहां करीब 200 कमरों की जांच के लिए बम स्क्वॉड और इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को भी बुलाया गया था। करीब 2 घंटे के सर्च के दौरान किसी भी एजेंसी को कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी।
20 फरवरी को एसएमएस मेडिकल कॉलेज को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल की ईमेल आईडी पर मैसेज आया था। 22 फरवरी की शाम को मेल खोला तो अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों ने जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी थी।