जयपुर। कालवाड़ शक्तिपीठ में वेदमाता गायत्री और प्रज्ञेश्वर महादेव की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में 30 सितंबर से 03 अक्टूबर तक होने वाले 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की तैयारियों को रविवार को अंतिम रूप दिया गया। शांतिकुंज हरिद्वार से टोली कालवाड़ पहुंच गई है। गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि कहा कि महायज्ञ की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
कालवाड़ शक्तिपीठ के मुख्य ट्रस्टी धर्म सिंह राजावत ने बताया कि कि महायज्ञ में सर्व समाज के लोग शामिल होंगे। यज्ञ पूरी तरह निशुल्क है। सभी लोग यज्ञ में आहुतियां अर्पित कर सकेंगे। कालवाड़ के आसपास के 200 गांवों को गायत्रीमय बनाने के लिए यह यज्ञ किया जा रहा है। चार दिवसीय आयोजन का शुभारंभ 30 सितंबर को सुबह नौ बजे 11 हजार महिलाओं की कलश यात्रा के साथ होगी।
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या कलश यात्रा को रवाना करेंगे। बांडी नदी स्थित बालाजी मंदिर से गाजे बाजे और दर्जनों स्वचालित झांकियों के साथ निकलने वाली कलश यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए यज्ञ स्थल पहुंचेगी।एक अन्य कलश यात्रा गौशाला से रवाना होगी। कलशयात्रा में अनेक ज्ञानवर्धक झांकियां भी साथ चलेंगी।
108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एक अक्टूबर से:
मुख्य आयोजनों का क्रम एक अक्टूबर से शुरू होगा। सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। शांतिकुंज हरिद्वार से आने वाली विद्वानों की टोली यज्ञ संपन्न कराएंगी। एक अक्टूबर को ही शाम चार से शाम सात बजे तक प्रज्ञा पुराण की कथा होगी। इसी सत्र में प्रज्ञा गीत और प्रवचन भी होंगे। दो अक्टूबर को सुबह सात से दोपहर बारह बजे तक गायत्री महायज्ञ और विभिन्न संस्कार कराए जाएंगे।
सर्व पितृ अमावस्या होने के कारण सामूहिक श्राद्ध तर्पण भी सुबह सात से दोपहर 12 बजे तक होगा। यह कार्यक्रम भी निशुल्क होगा। शाम पांच से सात बजे तक दीपयज्ञ होगा। हजारों की संख्या में दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। तीन अक्टूबर को सुबह सात से दोपहर एक बजे तक गायत्री माता, शिव पंचायत की प्राण प्रतिष्ठा और गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी।
कार्यकर्ताओं की समितियां गठित:
आयोजन को व्यवस्थित बनाने के लिए अनेक समितियां गठित की गई है। भोजनशाला, यज्ञ प्रबंधन, आवास, पंजीयन, पदवेश, मीडिया, चिकित्सा, पूछताछ-स्वागत, संस्कार प्रकोष्ठ, संस्कारशाला,पार्किंग, सफाई, विद्युत,मंच, सुरक्षा, जल व्यवस्था, साहित्य स्टॉल सहित अन्य कार्यों से जुड़ी समितियां गठित की गई है।
प्रदर्शनियां रहेंगी आकर्षण का केन्द्र:
आयोजन स्थल पर आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी और व्यसन मुक्ति की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी प्रदर्शनी में श्रेष्ठ और संस्कारी संतान के लिए वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक पक्ष को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। वहीं सभी तरह के नशे छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति प्रदर्शनी लगाई जाएगी।