जयपुर। जयपुर स्थापना से पूर्व रक्षपाल के रूप में नाहरगढ़ की पहाड़ी स्थित गढ़ गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी को श्रद्धालु उमड़ पड़े। पट खुलने से पूर्व ही श्रद्धालु कतारों में लग गए। श्रद्धालु 365 सीढिय़ां चढक़र मंदिर पहुंचे और पुरुषाकृति के बाल स्वरूप गणपति के दर्शन किए। महंत प्रदीप औदीच्य के सान्निध्य में सुबह 4 बजे गणपति का पंचामृत अभिषेक किया गया। गणपति के बाल स्वरूप में होने के कारण कपड़े की पोशाक धारण न कराकर केवल कोमल पुष्पों और पल्लवों से श्रृंगार किया गया।
सुबह पांच बजे मंगला आरती के साथ सहस्त्र दुर्वाचन और सहस्त्र मोदक अर्पित किए गए। सहस्त्रनामावली से हवन में आहुतियां प्रदान की गई। रात्रि 12 बजे शयन आरती हुई। तीन दिवसीय श्री महागणपति महोत्सव में रविवार को ऋषि पंचमी का परंपरागत मेला भरेगा। अभिषेक के बाद नवीन वस्त्र धारण कराए जाएंगे। सुबह 5 बजे मंगला आरती होगी।
दोपहर 12 बजे भोग आरती और रात्रि 12 बजे शयन आरती होगी। गढ़ गणेश से संबद्ध बड़ी चौपड़ स्थित ध्वजाधीश गणेश मंदिर में जन्मोत्सव पर सुबह पांच बजे गणपति का अभिषेक कर सिंदूरी चोला धारण कराकर नवीन वस्त्र धारण कराए गए। इसके बाद आरती हुई। पार्थ मेहता और गौरव मेहता ने भक्तों को सिंदूर का तिलक किया।