आध्यात्मिक सशक्तिकरण से समाज बनेगा स्वस्थ और खुशहाल

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Spiritual empowerment will make society healthy and happy
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जयपुर/आबू रोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मीडिया विंग द्वारा मुख्यालय शांतिवन के आनंद सरोवर परिसर में आयोजित राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का समापन हो गया। चार दिन चले सम्मेलन में देशभर से आए मीडिया गुरु, पत्रकार, संपादकों ने मंथन-चिंतन कर निष्कर्ष निकाला कि आध्यात्मिक सशक्तिकरण के बिना समाज स्वस्थ और खुशहाल नहीं बन सकता है। मीडिया आगे आकर अपना दायित्व निभाए। स्वस्थ और खुशहाल समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण-मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित सम्मेलन में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल, सोशल मीडिया, जनसंपर्क से जुड़े एक हजार से अधिक पत्रकार, संपादक, ब्यूरो चीफ ने भाग लिया। इसमें 13 अलग-अलग सत्रों में उपरोक्त विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। वहीं पांच राजयोग ध्यान सत्र आयोजित किए गए।

समापन सत्र में आंध्रप्रदेश के बापतला से सांसद केपी टेनेटी ने कहा कि मीडियाकर्मी कई बार चाहते हैं कि वह दिल से लिखें, समाज के सामने सच्चाई पेश करें लेकिन कई तरह के दबावों के चलते कई बार उस सच्चाई को बयां नहीं कर पाते हैं। लेकिन मीडिया को ऐसी खबरों को बढ़ावा देना होगा जिससे समाज में खुशहाली आई।

समाज में अहिंसा का माहौल बने। अहिंसा का संदेश जाए। हर एक पेशे में चुनौतियां रहती हैं और रहेंगी लेकिन हमें इनके बीच ही समाज को आगे ले जाने के लिए सोचना होगा। सकारात्मकता को बढ़ावा देना होगा। हर कोई खुशी और आनंद चाहता है। हम सभी की इच्छा जीवन को आनंद से जीने की होती है।

स्व परिवर्तन ही विश्व परिवर्तन का आधार है-

संस्थान के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर तनाव का माहौल है। ऐसे में मीडिया पर ही सभी की आशाभरी नजरें हैं। हम सभी परमात्मा की संतान हैं। दुनिया विश्व बदलाव के दौर से गुजर रही है। परमात्मा का यही संदेश है कि मेरे बच्चों आप महान आत्मा, दिव्य आत्मा, पवित्र आत्मा हो। अपने स्वरूप को पहचानो और मुझे निरंतर याद करो। स्व परिवर्तन ही विश्व परिवर्तन का आधार है। दिल्ली की कम्यूनिकेशन कसल्टेंट एवं इवेंट मैनेजर प्रियदर्शिनी नरेंद्र ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान पत्रकारों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए बहुत ही अच्छी पहल कर रहा है। यहां आकर हम मानसिक ए‌ंव शारीरिक रूप से ऊर्जा से भरपूर हो जाते हैं। आज समाज के प्रत्येक व्यक्ति के साथ पत्रकारों के लिए जीवन में अध्यात्म का समावेश करना जरूरी है।

हमारे ऊपर बाजारवाद हावी न हो-

इंदौर से आए रेडियो सरगम के निदेशक बीके आशीष गुप्ता ने कहा कि पत्रकार समाज का सबसे बुद्धजीवी वर्ग होता है, जिसे न तो कोई ज्ञान दे सकता है और न ही कोई बदल सकता है। लेकिन पत्रकार को जब उसकी आंतरिक चेतना को परमात्म चेतना के साथ जोड़ा जाए तो पत्रकार को भी बदला जा सकता है। हम उस महान पेशे से आते हैं जिसने देश और दुनिया का दृष्टिकोण बदला है। हमारे ऊपर बाजारवाद, मार्केटिंग हावी न हो, इसलिए हमें दिल से लिखना है। पत्रकारिता का इतिहास गौरवशाली रहा है। आजादी की लड़ाई में पत्रकारों ने अपनी कलम से देश को जागृत किया था तो आज तो हमारे पास अनेक संसाधन हैं। ईश्वर की शक्ति जब मदद करती है तो असंभव को संभव बना देती है।

ग्वालियर से आए आईटीएम यूनिवर्सिटी के जेएमसी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. मनीष जैसल ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें सूचनाओं की बाढ़ से बाहर निकलकर इकोफ्रेंडली बनना होगा। सोशल मीडिया, खबरों की दुनिया से रोजाना कुछ समय दूर रहकर अपने लिए, स्वयं के लिए देना होगा।

झूठी सूचनाओं और अभद्र भाषा के प्रयोग का रोकना होगा-

हैदराबाद की राष्ट्रीय संयोजिका बीके सरला आनंद ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ का मीडिया विंग यूनेस्को की कार्ययोजना के साथ मिलकर ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को नियंत्रित करेगा, जिन्होंने सामाजिक सामंजस्य, शांति और स्थिरता के लिए बड़े जोखिम पैदा करते हुए झूठी सूचनाओं और अभद्र भाषा के प्रसार को बढ़ाया है। साथ ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा भी की है।

दिल्ली मंडावली की जोनल संयोजिका बीके सुनीता दीदी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से शांति की गहन अनुभूति कराई। अजमेर के योग आचार्य हेमंत आर्य ने गीत प्रस्तुत किया। आगरा के जोनल संयोजक बीके अमरचंद भाई ने स्वागत भाषण दिया। आभार मोहाली के जोनल संयोजक बीके कर्मचंद भाई ने व्यक्त किया। संचालन अजमेर की जोनल संयोजिका बीके योगिनी बहन ने किया। राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतानु ने सभी अतिथियों को स्मृति चिंहृ भेंटकर सम्मानित किया।

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