विदेश मंत्रालय में पंजीकृत भर्ती एजेंट द्वारा प्रसारित भर्ती का ही हिस्सा बने युवक : डीजी हेमंत प्रियदर्शी

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जयपुर। साइबर स्लेवरी (गुलाम) बनाकर साइबर धोखाधड़ी के संबंध में पुलिस मुख्यालय साइबर क्राइम शाखा द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। पुलिस महानिदेशक (साइबर क्राइम) हेमंत प्रियदर्शी ने युवाओं से आह्वान किया है कि विदेश में रोजगार के संबंध में सावधानी बरते, विदेश मंत्रालय में पंजीकृत भर्ती एजेंट द्वारा प्रसारित भर्ती का ही हिस्सा बने। डीजीपी साइबर क्राइम प्रियदर्शी ने बताया कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने एवं आमजन में साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से राज्य मे लगातार प्रयास किये जा रहे है।

रोजगार के नाम पर साइबर अपराधियों द्वारा पढ़े लिखे व तकनीकी प्रशिक्षित युवाओं का झांसा देकर दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में आईटी क्षेत्र में रोजगार के लुभावने अवसर देकर फंसाया जा रहा हैं, जहां उन्हे ले जाकर उनके पासपोर्ट व अन्य परिचय पत्र छीने जाकर उन्हे बंधक के तोर पर साइबर गुलाम (स्लेव) बनाकर भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ साइबर धोखाधड़ी करने के लिए मजबूर किया जाता है।

प्रियदर्शी ने बताया कि ऐसे अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय व पुलिस एजेंसी ठोस कदम उठा रही हैं। आमजन से अपेक्षित हैं कि विदेश में रोजगार के संबंध में सावधानी बरते तथा विदेश मंत्रालय में पंजीकृत भर्ती एजेंट द्वारा प्रसारित भर्ती का ही हिस्सा बने व अन्य व्यक्ति या एजेंट द्वारा दिया जा रहा रोजगार का आश्वासन व प्रलोभन अवैध है। उन्होंने बताया कि आमजन की जानकारी के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय में पंजीकृत एजेंटो की सूची अधिकृत वेबसाइट पर उपलब्ध हैं, जहां से कोई भी व्यक्ति चेक कर सकता हैं कि उसे रोजगार का आश्वासन देने वाला व्यक्ति पंजीकृत एजेंट है या नहीं।

इस संबंध में यह सूचित किया जाता हैं कि विदेशों में रोजगार के लुभावने ऑफर पर भारतीय विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर देखकर ही आवेदन करें। आम जनता को सलाह दी जाती हैं कि ई-मेल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम व फेसबुक इत्यादी पर फर्जी लिंक की सूचना साइबर हेल्प लाईन नम्बर 1930, साइबर वेबसाइट एवं निकटतम पुलिस स्टेशन व साइबर पुलिस स्टेशन को देनी चाहिए।

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