जयपुर। भवानी निकेतन परिसर में आयोजित 6 दिवसीय प्रवचन नहीं प्रयोग, समस्या नहीं समझ आदि गहरे वाक्यों के बीच भावपूर्ण संबोधन हुआ तो लोगों की आंखें भरी गई। इस मौके पर युवा वर्ग को विशेष सूत्रों के द्वारा बताया गया कि कैसे आज युवा पीढ़ी अपने मार्ग से भटक रही है। उन्हें सही मार्गदर्शन की अति आवश्यकता है। इस मौके पर पहुंचे साधकों ने बारिश में भीगते हुए गहरी श्वास के प्रयोग किए।
संजय महेश्वरी, कमल सोमानी, अजय मित्तल, नरेंद्र वेद, राजेश नागपाल, राजेंद्र सिंह गुरुजी के अनुसार नया दृष्टिकोण वाले शिविर में गुरुवार को भवानी निकेतन परिसर सीकर रोड में अनूठा दृश्य देखने को मिला। तेज बारिश में बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने धैर्य बनाए रखा और गहरी साधना की। इस मौके पर हजारों लोगों ने अपने मन के भाव प्रकट किए। आसमान से टपकती बूंदों के बीच आंखों से भी अश्रु धारा बह उठी।
भवानी निकेतन परिसर में मंच से सन टू ह्यूमन की ओर से मां गार्गी ने शिविर में तीसरे दिन परिवार का महत्व बताया और बड़ों को कैसे मार्गदर्शन करना है यह भी बताया। इस मौके पर उपस्थित अपने से कम उम्र के लोगों ने बड़ों को साष्टांग प्रणाम किया वहीं बड़ों ने भी आशीर्वाद देते हुए उन्हें गले लगा लिया। ऐसा भाव विह्वल कर देने वाला दृश्य सबके सामने था, जिसमें सभी अपने बन गए और गले लगकर एक दूसरे का अभिवादन किया। इस हृदय विदारक दृश्यों के साथ ही कई साधकों की आंखों से आंसू टपकते रहे।
युवा पीढ़ी को खास तौर से संबोधित करते हुए मां गार्गी ने बताया कि हम आज मोबाइल, कंप्यूटर और ऐशो- आराम के कारण अपनों को भूल गए है। प्राय देखा जा रहा है कि लंबे समय तक परिवार में बातचीत नहीं होना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। आज व्यक्ति को निर्जीव मशीनरी से इतना लगाव हो गया है कि वह अपने बच्चों से भी बात करने का समय नहीं निकाल पा रहा है, इससे दूरियां बढ़ती जा रही है।
इस मौके पर मां गार्गी ने शरीर के मुख्य भाग ब्रेन के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा आंखों की उर्जा ब्रेन तक लेकर जाना, हर समस्या का समाधान हमारा ब्रेन ही करता है इसी को समाधि कहा गया है। हम सोचते हैं कि समाधि का मतलब क्या है। जिस व्यक्ति को हर समस्या का समाधान आता है, वह बहुत ही गहरा व्यक्तित्व है।
समस्या हर दिन क्रिएट करना
मां गार्गी ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या तो वह है जो आप लोग हर दिन क्रिएट कर रहे हैं, हमें यही पता नहीं कि भोजन कैसे करना है, हर दिन नई बीमारी को नासमझी के कारण अपने अंदर प्रवेश करवा रहे हैं। रात के भोजन में किसी भी चीज को नासमझी के कारण ले लेते हैं। जिससे रोजाना बीमारियों का भंडार कर रहे हैं और वहीं धीरे-धीरे विशाल पहाड़ बन जाता है। इसका समाधान करना ही होगा और वह आप स्वयं ही कर सकते हैं, हर व्यक्ति चाहे तो अपने जीवन को सुंदर बना सकता है।
बताया जीवन अमूल्य धरोहर, प्रयोग भी करवाएं
मां गार्गी ने बताया कि यह जीवन अमूल्य धरोहर है, अत्यंत उपयोगी है इसे संभाल कर रखना होगा। नया दृष्टिकोण में युवाओं में नई चेतना और जागृति के लिए साधकों को शरीर पर चर्चा करते हुए इस दौरान नाभि झटका प्रयोग के साथ ही लार रोकने और ऊर्जा कैसे बने आदि पर संबोधन दिया। मीडिया प्रभारी राजेश नागपाल ने बताया कि इस दौरान गार्गी मां ने शरीर को सही रखने के प्रयोग भी करवाएं।
सभी साधकों ने मां गार्गी के निर्देशन में सूर्य वंदना, ध्यान, नाभि झटका और लंबी गहरी श्वास के प्रयोग किए। इस दौरान लोगों से ऊर्जा से संबंधित प्रश्न- उत्तर भी किए। उन्होंने बताया कि भोजन से ऊर्जा बनती है और सही व्यायाम, ध्यान से जागती है। इस ऊर्जा को ब्रेन तक पहुंचाने के लिए स्थिरता चाहिए। जिसके लिए छोटे-छोटे प्रयोग करा कर कई प्रकार की साधना की । उन्होंने आगे बताया कि उर्जा का बस एक ही काम होता हैं, जो एनर्जी आप अपने लिए बनाते हैं उसका सदुपयोग भी सही तरीके से करना होगा।
हम जो भी भोजन करते हैं वह बेहतर ही करें, इससे ऊर्जा बने फिर ऊर्जा से घर को एक कर सकें, जिससे प्रेमभाव पैदा हो सकें और इससे हम हारमोनी हम बना सकते हैं। यह इतना बड़ा धन है की ऊर्जा के सही उपयोग से ही संभव है और ऊर्जा का सदुपयोग ही सबसे बड़ा कार्य है। सत्र के दौरान शुक्रवार को प्रातः एवं सायंकाल परमालयजी का विशेष संबोधन होगा।
सही आहार, व्यायाम और सही ध्यान के पर फोकस
इस मौके पर यहां आए शिविर में अनेक साधकों ने तो परिवार सहित उत्साह के साथ भाग लिया। शिविर में लोगों का विशेष ध्यान यहां बताए जाने वाले सही आहार, सही व्यायाम और सही ध्यान के अनूठे प्रयोगों द्वारा आसानी से बीपी, डायबिटीज, थायराइड, मोटापा, माइग्रेन, डिप्रेशन, तनाव जैसे रोगों को ठीक किया जा सकता है पर ही केंद्रित रहा।
सभी ने मां गार्गी को भोजन और ऊर्जा के दौरान बताएं नियम सूत्रों को ध्यान से सुना। शिविर में प्रतिदिन प्रातः 5.15 से 7.15 बजे तक विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। उसके बाद सभी को पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक 20 प्रकार का एल्कलाइन नाश्ता और विशेष प्रकार से तैयार की गई शीतल छाछ उपलब्ध कराई जा रही है। गुरुवार को शिविर में अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
शिविर से जुड़े संजय माहेश्वरी, कमल सोमानी, अजय मित्तल, नरेंद्र वेद, राजेश नागपाल, विवेक लड्ढा ने बताया कि सन टू ह्यूमन के छोटे-छोटे, सहज व सरल प्रयोगों के माध्यम से जीवन में लाखों लोग सकारात्मक बदलाव अनुभव कर रहे है। साथ ही महामारियों के इस दौर में शरीर को स्वस्थ रखने की तकनीक और समझ पैदा करने के लिए इस प्रकार के शिविरों की महत्वता और भी बढ़ जाती है। इस बार शिविर में उम्मीद से ज्यादा साधकों की उपस्थिति लगातार बनी हुई है। बाकी तीन दिनों के विशेष सत्र में परमालय जी उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे।