जयपुर। मुस्लिम धर्मावलंबी शनिवार को कुर्बानी का पर्व ईद उल अजहा मनाएंगे। अकीदतमंद अपने मोहल्ले की मस्जिद में नमाज अदा कर दिल्ली रोड स्थित ईदगाह पहुंचेंगे। यहां शहर काजी सुबह आठ बजे मुख्य नमाज अदा कराएंगे। जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद में ईद उल अजहा की नमाज सुबह साढ़े छह बजे होगी।
ईद से एक दिन पूर्व शुक्रवार को अकीदतमंदों ने कपड़े खरीदे। रामगंज बाजार और घाटगेट में कुर्ता-पायजामा, इत्र सहित अन्य सामान की बिक्री जोरों पर रही। इसमें सबसे अधिक मांग पठानी कुर्ता की रही। कुछ युवाओं ने शेरवानी की खरीदारी की। मुस्लिम महिलाओं और युवतियों ने सैंडल, मैचिंग चूडिय़ां, ईयर रिंग, झुमके, कंगन, जूते-चप्पल, आभूषण और सौंदर्य प्रसाधन सामग्री की खरीदारी की। दुकानदारों ने बकरीद को लेकर पहले से ही तरह-तरह के रंगों और डिजाइनों में तैयार कराकर कुर्ता-पायजामा मंगवाकर रखे थे।
खुले में न दे कुर्बानी-वीडियो वायरल नहीं करें
वहीं दिल्ली रोड पर लगी बकरों की मंडी में हजारों की संख्या में बकरों की खरीद फरोख्त हुई। देश के अलग-अलग हिस्सों से लाए गए उम्दा नस्लों के बकरे 20 से 40 हजार से तक में बिके। सबसे ज्यादा वजन का बकरा करीब एक से 2 क्विंटल के रहे। प्रशासन ने कुर्बानी खुले में या सार्वजनिक रास्तों पर ना करके इसे चारदीवारी या पर्दे में करने की सलाह दी है। कुर्बानी के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करने को कहा है।
अवशेषों को इधर-उधर न फेंककर जमीन में दफनाने की हिदायत दी है। स्थान की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा है। कुर्बानी के समय भीड़ एकत्र न करने और न ही फोटो या वीडियो बनाने की हिदायत दी है। सोशल मीडिया पर इससे संबंधित कोई सामग्री अपलोड न करने की सलाह दी है।
कुर्बानी तक सीमित नहीं है बकरीद
इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहीम हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके पुत्र को जीवनदान दे दिया। जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है।